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महाविद्यालय के सामने स्पीड ब्रेकर निर्माण को लेकर छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन, थाना प्रभारी ने दिलाया भरोसा प्रशासन ने स्थायी स्पीड ब्रेकर का निर्माण अगले 12 दिनों के भीतर कराने का आश्वासन दिया छात्रों को,

कलयुग की कलम से राकेश यादव

महाविद्यालय के सामने स्पीड ब्रेकर निर्माण को लेकर छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन, थाना प्रभारी ने दिलाया भरोसा प्रशासन ने स्थायी स्पीड ब्रेकर का निर्माण अगले 12 दिनों के भीतर कराने का आश्वासन दिया छात्रों को,

कलयुग की कलम ढीमरखेड़ा -15 सितंबर की दोपहर करीब 3:30 बजे शासकीय महाविद्यालय ढीमरखेड़ा के सामने हुए भीषण सड़क हादसे के बाद क्षेत्र के विद्यार्थियों में गहरा आक्रोश देखने को मिला। हादसे में कई लोग घायल हो गए थे, जिसके बाद सोमवार को महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने एकजुट होकर कॉलेज के सामने सड़क पर खड़े होकर प्रदर्शन किया। विद्यार्थियों की मांग थी कि महाविद्यालय के सामने तत्काल स्पीड ब्रेकर बनाए जाएं ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की दुर्घटना की पुनरावृत्ति न हो।

विद्यार्थियों ने जताई नाराजगी

महाविद्यालय परिसर के बाहर बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं इकट्ठा हुए और उन्होंने अपनी मांगों को जोरदार तरीके से उठाया। उनका कहना था कि प्रतिदिन हजारों विद्यार्थी इस सड़क का उपयोग करते हैं। यहां से गुजरने वाले भारी वाहन और तेज गति से दौड़ते चार पहिया- दोपहिया वाहन कॉलेज के विद्यार्थियों की जान के लिए खतरा बने हुए हैं।

छात्रों का आरोप था कि लगातार इस संबंध में प्रशासन को अवगत कराया गया, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हुई। 15 सितंबर को हुए हादसे ने विद्यार्थियों में आक्रोश और भय दोनों पैदा कर दिया, इसी कारण वे आंदोलन के लिए मजबूर हुए।

प्रशासन मौके पर पहुँचा

छात्र-छात्राओं के विरोध प्रदर्शन की सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार श्रीमती आकांक्षा चौरसिया और थाना प्रभारी अभिषेक चौबे दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने सबसे पहले विद्यार्थियों से शांति बनाए रखने और धैर्य रखने की अपील की। अधिकारियों ने विद्यार्थियों को समझाते हुए आश्वस्त किया कि उनकी मांग पूरी तरह जायज है और इस पर तत्काल कदम उठाए जाएंगे।

नायब तहसीलदार आकांक्षा चौरसिया ने स्पष्ट कहा कि महाविद्यालय के सामने जल्द ही रोड स्टड के माध्यम से अस्थायी स्पीड ब्रेकर बनाए जाएंगे, ताकि आने-जाने वाले वाहनों की रफ्तार नियंत्रित हो सके। वहीं, सीमेंट और डामर से बने स्थायी स्पीड ब्रेकर का निर्माण अगले 12 दिनों के भीतर कराया जाएगा।

थाना प्रभारी ने दिया भरोसा

प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों को सबसे अधिक भरोसा थाना प्रभारी अभिषेक चौबे की बातों से मिला। उन्होंने मौके पर खड़े होकर विद्यार्थियों से साफ कहा – “कमिटमेंट कर दिया तो कर दिया।” थाना प्रभारी की इस बात पर उपस्थित छात्र-छात्राओं ने जोरदार तालियां बजाकर उनका स्वागत किया और प्रशासन के प्रति आभार प्रकट किया।

छात्र-छात्राओं का कहना

विद्यार्थियों ने कहा कि यह मुद्दा उनकी सुरक्षा से जुड़ा है। कॉलेज में पढ़ने आने वाले ग्रामीण अंचल के कई विद्यार्थी रोजाना इस मार्ग से गुजरते हैं। यहां सड़क किनारे यात्री प्रतीक्षालय और बाजार भी है, जहां लोगों की भीड़ रहती है। तेज रफ्तार वाहन कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। विद्यार्थियों का कहना था कि प्रशासन की ओर से मिले भरोसे के बाद वे आंदोलन समाप्त कर रहे हैं, लेकिन अगर 12 दिनों में वादा पूरा नहीं हुआ तो वे पुनः आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

प्रशासन के लिए चुनौती

यह घटना प्रशासन के लिए भी एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आई है। ढीमरखेड़ा क्षेत्र में बढ़ते यातायात और लगातार हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि महाविद्यालय और अन्य भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर सुरक्षा इंतज़ाम किए जाएं। न केवल स्पीड ब्रेकर बल्कि ट्रैफिक संकेतक, ज़ेब्रा क्रॉसिंग और पुलिस की नियमित गश्त जैसी व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जाएं।ढीमरखेड़ा महाविद्यालय के विद्यार्थियों का यह शांतिपूर्ण आंदोलन इस बात का उदाहरण है कि जब युवाओं की मांगें सार्थक और सुरक्षा से जुड़ी हों, तो प्रशासन भी उन्हें गंभीरता से लेता है। थाना प्रभारी अभिषेक चौबे का “कमिटमेंट कर दिया तो कर दिया” वाला आश्वासन विद्यार्थियों के लिए भरोसे का प्रतीक बन गया। अब देखना यह है कि आने वाले 12 दिनों में वादे के मुताबिक स्थायी स्पीड ब्रेकर बनकर तैयार होते हैं या नहीं।

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