मध्यप्रदेश

एमपी में डिप्टी कलेक्टर रहीं निशा बांगरे ने प्रदेश सरकार से फिर से अपनी नौकरी बहाल करने पत्र लिखकर किया आग्रह

कलयुग की कलम से रामेश्वर त्रिपाठी की रिपोर्ट

भोपाल- एमपी में डिप्टी कलेक्टर रहीं कांग्रेस नेेता निशा बांगरे ने प्रदेश सरकार से फिर से अपनी नौकरी पर बहाल करने का आग्रह किया है। इसके लिए उन्होंने प्रदेश सरकार को पत्र लिखा है। विधानसभा चुनावों के पहले निशा बांगरे इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गई थीं। कांग्रेस ने उन्हें एक आदिवासी बाहुल्य विधानसभा सीट पर उम्मीदवार बनाने की बात कही थी लेकिन ऐसा नहीं किया। इसके बाद निशा बांगरे राजनीति से उकता गईं और अब पुन: सरकारी नौकरी पाना चाहती हैं।
प्रदेश में विधानसभा चुनावों के पहले डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने गृहप्रवेश की पूजा के लिए अवकाश मांगा था लेकिन सरकार ने मंजूरी नहीं दी। इसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया लेकिन प्रदेश सरकार ने उनका इस्तीफा भी स्वीकार नहीं किया। वे कोर्ट गईं तब जाकर एमपी की तत्कालीन बीजेपी सरकार ने उनका इस्तीफा मंजूर किया।
निशा बांगरे ने विधानसभा चुनाव में आमला सीट पर कांग्रेस की टिकट के लिए सरकारी नौकरी से इस्तीफा दिया था। हालांकि उन्हें टिकट भी नहीं दी गई। कांग्रेस ने उनके लिए आमला सीट कई दिनों तक होल्ड तो की लेकिन आखिरकार निशा बांगरे की टिकट काट दी। इससे निशा बेहद निराश हो गईं थीं।

अब उन्होंने राजनीति से किनारा करते हुए दोबारा सरकारी सेवा में जाने की इच्छा जताई है। उन्होंने सरकार को बाकायदा पत्र लिखकर नौकरी में वापस लेने का अनुरोध किया है। निशा ने सरकार से अपेक्षा की है कि उनके प्रति सहानुभूति दिखाते हुए एक बार फिर से उनकी नौकरी बहाल कर दे। निशा बांगरे का कहना है कि परिस्थितियां ऐसी बनीं कि उनको नौकरी छोड़कर राजनीति में आना पड़ा था। अपने पत्र में उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि सरकारी सेवा के दौरान उनपर कोई दाग नहीं लगा। वे डिप्टी कलेक्टर जैसे अहम पद पर रहीं। सरकारी योजनाओं का आमजनों को लाभ पहुंचाने के लिए पूरी लगन से काम किया।
उन पर कभी कोई कार्रवाई नहीं हुई, कभी कोई नोटिस तक नहीं मिला। कोई विभागीय जांच भी नहीं हुई। निशा बांगरे ने अपने काम के आधार पर सरकार से उन्हें एक और मौका देने का आग्रह किया है।

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