प्रशासनमध्यप्रदेश

ठंडी और शीतलहर से बचाव एवं सुरक्षा के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी

कलयुग की कलम से राकेश यादव

ठंडी और शीतलहर से बचाव एवं सुरक्षा के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी

कलयुग की कलम कटनी – कलेक्‍टर श्री आशीष तिवारी ने ठंडी से बचाव के लिए जिलेवासियों को सावधानी और सतर्कता बरतने की अपील की है। कलेक्‍टर ने स्‍वास्‍थ्‍य विभाग और अस्‍पतालों को सतर्क रहने और समय पर प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।

कलेक्‍टर ने अस्‍पतालों में ठंडी से बीमार लोगों के उपचार व्‍यवस्‍था को कारगर और प्रभावी बनाने के लिए मुख्‍य चिकित्‍सा एवं स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी सहित खंड चिकित्‍सा अधिकारियों द्वारा जिला चिकित्‍सालय और सामुदायिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र व उपस्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्रों में समुचित व्‍यवस्‍था करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही शीतघात और हाइपोथर्मिया से उत्‍पन्‍न स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍याओं की त्‍वरित पहचान और प्राथमिक उपचार की समुचित व्‍यवस्‍था सभी अस्‍पतालों में करने के लिये कहा गया है।

*सुरक्षात्मक उपाय एवं सावधानियाँ*

स्थानीय स्तर पर संचार माध्यमों से मौसम संबंधी पूर्वानुमानों के प्रति जागरूक रहने की नागरिकों को सलाह दी गयी है। मौसम के पूर्वानुमानों का पालन करें। शीतलहर के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें और घर के अंदर ही रहें। ठंड में लंबे समय तक बाहर न रहें। ऊनी कपड़ों की कई परतें पहनकर सिर, गर्दन, हाथ और पैरों को ढककर रखें। विटामिन सी युक्त फल और सब्जियां खाएं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए गर्म तरल पदार्थों का सेवन करें। आस-पड़ोस में रहने वाले वृद्धजनों और बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। नाक बहना, नाक बंद होना, फ्लू और नाक से खून आने जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।

*बंद कमरों में अंगीठी और कोयले का उपयोग न करें*

कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता का खतरा बंद कमरों में अंगीठी या फायर पॉट का उपयोग करने से होता है, जिससे जान का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए बंद कमरों में अंगीठी फायर पॉट का प्रयोग न करें। फ्रॉस्टबाइट के दौरान त्वचा सफेद या फीकी पड़ सकती है। कपकपी, मांसपेशियों में अकड़न, बोलने में कठिनाई, अधिक नींद आना, सांस लेने में कठिनाई और बेहोशी जैसे लक्षण दिख सकते हैं। यह एक मेडिकल इमरजेंसी है और इसके लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हाइपोथर्मिया से प्रभावित व्यक्ति को तुरंत गर्म कपड़े पहनाएं और उसे गर्म स्थान पर रखें। कंबल, तौलिया या चादर से शरीर को ढकें। गर्म पेय पदार्थ देकर शरीर के तापमान को बढ़ाएं। लक्षणों के बढ़ने पर तुरंत चिकित्सीय सहायता लें। शराब का सेवन न करें, क्योंकि यह शरीर के तापमान को घटाता है और रक्त धमनियों में संकुचन करता है। फ्रॉस्टबाइट प्रभावित अंगों को रगड़ने से बचें, इससे और अधिक नुकसान हो सकता है। बेहोश व्यक्ति को तरल पदार्थ न पिलाएं।

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