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कटनी जिले के ढीमरखेडा विकासखंड क्षेत्र में स्थित पी.एम. श्री गोपालपुर के प्रभारी प्राचार्य को नहीं है सीएम हेल्प लाइन का डर 1 माह से नोटिस का जवाब देने का नहीं मिला समय, संरक्षण का संदेह, नहीं हों रही कार्यवाही

कलयुग की कलम से सोनू त्रिपाठी की रिपोर्ट

कटनी- शिक्षा किसी भी समाज की रीढ़ होती है। विद्यालय केवल पढ़ाई-लिखाई का स्थान नहीं बल्कि बच्चों के चरित्र निर्माण और भविष्य की नींव तैयार करने का केंद्र माना जाता है। लेकिन जब विद्यालयों के भीतर ही भ्रष्टाचार, प्रशासनिक लापरवाही और राजनीतिक संरक्षण की छाया पड़ जाती है, तो न केवल शिक्षा व्यवस्था बल्कि संपूर्ण समाज प्रभावित होता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है पी.एम. श्री विद्यालय गोपालपुर का, जहाँ प्रभारी प्राचार्य अनिल कुमार चक्रवर्ती पर गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं।

181 शिकायत और नोटिस की अनदेखी

प्रदेश सरकार द्वारा जनसुनवाई और शिकायतों के निवारण हेतु 181 हेल्पलाइन शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य यही था कि आम जनता सीधे तौर पर अपनी समस्याएँ उच्च स्तर तक पहुँचा सके और समयबद्ध समाधान प्राप्त कर सके। किंतु गोपालपुर प्रकरण ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि यदि शिकायतें दर्ज होने के बावजूद कार्रवाई नहीं होती, तो आम जनता किस पर विश्वास करे?जानकारी के अनुसार, प्रभारी प्राचार्य अनिल कुमार चक्रवर्ती को 181 पर दर्ज शिकायत के संबंध में नोटिस तामील किया गया। नियम यह है कि संबंधित अधिकारी को निर्धारित समयसीमा में लिखित जवाब देना होता है। लेकिन चक्रवर्ती महोदय ने जवाब देना उचित नहीं समझा। यह लापरवाही नहीं तो और क्या है?

संरक्षण का संदेह, नहीं हों रही कार्यवाही

स्थानीय लोगों का कहना है कि चक्रवर्ती के इस रवैये के पीछे उच्च अधिकारियों का संरक्षण है। आमतौर पर कोई भी प्रभारी प्राचार्य अपने स्तर पर इतना साहस नहीं दिखा सकता कि नोटिस को नजरअंदाज कर दे। इसका अर्थ यह हुआ कि कहीं न कहीं ऊपर बैठे अधिकारी भी उन्हें बचाने में लगे हुए हैं। यदि यह सच है तो यह केवल विद्यालय या शिक्षा विभाग की समस्या नहीं, बल्कि संपूर्ण प्रशासनिक तंत्र पर प्रश्नचिह्न है।

क्षेत्रीय राजनीति और दलाली का खेल

सूत्रों के अनुसार, इस पूरे मामले में सिलौड़ी क्षेत्र के एक छुटभैया नेता का भी हाथ बताया जा रहा है। क्षेत्र में उनकी पहचान किसी जनसेवक के रूप में नहीं, बल्कि दलाली के लिए है। चाहे तबादला कराना हो, फर्जी प्रमाण पत्र बनवाना हो या किसी विभागीय काम को सेटिंग से करवाना हो यह व्यक्ति हर जगह अपनी पैठ बनाकर बैठा है। कहा जा रहा है कि गोपालपुर विद्यालय में भी यही नेता सक्रिय है और प्राचार्य चक्रवर्ती को उसका खुला समर्थन प्राप्त है।

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