KKK NEWS उमरिया पान में चल रही सात दिवसीय भागवत महापुराण कथा स्वर्गीय श्री बसंत चौरसिया जी की स्मृति में आयोजित की गई कृष्ण लीला के वर्णन में जमकर झूमे श्रद्धालु
कलयुग की कलम से राकेश यादव
उमरिया पान में चल रही सात दिवसीय भागवत महापुराण कथा स्वर्गीय श्री बसंत चौरसिया जी की स्मृति में आयोजित की गई कृष्ण लीला के वर्णन में जमकर झूमे श्रद्धालु
मध्य प्रदेश कटनी-उमरिया पान में चल रही सात दिवसीय भागवत महापुराण कथा स्वर्गीय श्री बसंत कुमार चौरसिया की स्मृति में आयोजित की गई जिसमें कथा वाचक संत श्री सीताराम शरण महाराज लोढ़ा पहाड़ वालों ने विभिन्न प्रसंगों पर प्रवचन दिए दिन बुधवार को संत श्री सीताराम शरण महाराज ने कृष्ण लीलाओं का अलग-अलग भागवत के अवतारों का वर्णन किया

महादेवी के कहने पर छह पुत्रों को वापस लाकर मां देवी को वापस देना आयोजक नीरज चौरसिया द्वारा कृष्ण और राधा की झांकियां का बहुत ही भक्ति भाव से किया गया
सुभद्राका चीर हरण का वाक्य एव सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए संत ने बताया कि मित्रता कैसे निभाई जाए यह भगवान श्री कृष्ण सुदामा जी से समझ सकते हैं सिद्ध धाम लोढ़ा पहाड़ के सीता रामशरण महाराज ने कहा कि सुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर अपने मित्र सखा कृष्ण से मिलने के लिए द्वारका पहुंचे उन्होंने कहा कि सुदामा द्वारकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढ़ने लगे द्वारपालों ने सुदामा को भिक्षा मांगने वाला ब्राह्मण समझकर रोक दिया तब उन्होंने कहा कि वह कृष्ण के परम मित्र हैं इस पर द्वार पाल महल में गए और प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है अपना नाम सुदामा बता रहा है जैसे ही द्वारपाल के मुंह से श्री कृष्ण ने यह बात सुनी तुरंत ही अपने द्वारपाल के बताएं अनुसार भवन से सीधे बाहर निकले और सुदामा से मिलने के लिए इतने उतावले हुए की बगैर चरण पादुका के तेजी से द्वारा की तरफ भागने लगे सुदामा शखा को देखकर प्रभु कहकर तुरंत तेजी से द्वार की तरफ भागे सामने सुदामा शखा को देखकर श्री कृष्णा ने अपने सीने से लगा लिया सुदामा ने भी कन्हैया कन्हैया कहकर उन्हें गले लगाया और सुदामा को अपने महल में लेकर गए और उनका अभिनंदन किया इस दृश्य को देखकर श्रोता भाव विभोर हो गए उन्होंने सुदामा और कृष्ण की मित्रता का वर्णन सुनकर भाव विभोर हो गए सुदामा और कृष्ण की झांकी पर फूलों की वर्षा की इसके बाद चौरसिया परिवार द्वारा प्रसाद वितरण किया गया इसके पूर्व छठवें दिन भगवान श्री कृष्ण रुक्मणी विवाह की कथा सुनाई एवं भगवान का ब्याह रचाया दिन बुधवार को यह कथा की आयोजन के पश्चात गुरुवार को हवन एवं भंडारे का प्रोग्राम आयोजित किया गया इस अवसर पर सावित्रीबाई चौरसिया मुकेश चौरसिया आशीष चौरसिया नीरज चौरसिया सचिन तिवारी विजय दुबे राजेश चौरसिया अश्वनी शुक्ला सहित पूरे उमरिया पान क्षेत्र के श्रद्धालु बड़ी संख्या में मौजूद रहे इस आयोजन में सभी ग्रामीण जनों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और सात दिवसीय कथा का आनंद लिया गुरुवार को हवन एवं भंडारे का प्रोग्राम किया गया
 
				 
					
 
					
 
						


