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KKK NEWS सिलपरा नदी के किनारे भरभरा में प्रभु श्रीराम ने किया था शिवपूजन आश्रम में स्थापित है भगवान राम की चरण पादुका, शिवलिंग और जिलहरी भी है मंदिर में आज निकल जाएगी कलश यात्रा पिपरिया सहलावन रामकुंडी से भरभरा आश्रम तक शोभायात्रा जाएंगी। शोभायात्रा में भगवान श्रीराम की जीवांत झांकी भी शामिल रहेंगी

कलयुग की कलम से राकेश यादव

सिलपरा नदी के किनारे भरभरा में प्रभु श्रीराम ने किया था शिवपूजन आश्रम में स्थापित है भगवान राम की चरण पादुका, शिवलिंग और जिलहरी भी है मंदिर में आज निकल जाएगी कलश यात्रा पिपरिया सहलावन रामकुंडी से भरभरा आश्रम तक शोभायात्रा जाएंगी। शोभायात्रा में भगवान श्रीराम की जीवांत झांकी भी शामिल रहेंगी

कटनी उमरिया पान-वन गमन के दौरान यहाँ पहुँचे थे भगवान राम,लोगों की आस्था का केंद्र होने के साथ विख्यात है भरभरा आश्रम, साल भर होते हैं धार्मिक आयोजन

उमरियापान:- उमरियापान क्षेत्र में भरभरा आश्रम लोगों की आस्था का केंद्र हैं। प्रदेश भर में यह स्थान विख्यात है। सिलपरा नदी के किनारे यह जिले का एक मात्र ऐसा धाम है, जहां अयोध्या से वनवास पर जाते वक्त प्रभु श्रीराम ने भगवान शिव का पूजन अर्चन किया था। यह स्थान कटनी जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

भरभरा आश्रम के पूज्य संत बनवारी दास महाराज ने बताया कि 1997 में गठित राम सांस्कृतिक शोध संस्थान न्यास के प्रबंध न्यासी ड़ॉ. राम अवतार शर्मा ने शोध में पाया कि वन गमन के दौरान भगवान श्रीराम भरभरा आश्रम आये थे। इसका इतिहास आश्रम में है। प्रमाण के रूप में भगवान की चरण पादुका आश्रम में स्थापित है। आश्रम के प्रबंधक पंडित मोहित गर्ग ने बताया कि वन गमन के दौरान भगवान श्रीराम अपनी पत्नि सीता और भाई लक्ष्मण के साथ सिलपरा नदी के किनारे भरभरा आश्रम में भगवान शिव की पूजा अर्चना की थी। शोध के दौरान 56वें नम्बर पर शिवमंदिर भरभरा का नाम है। आश्रम में भगवान की चरण पादुका भी है।जिस स्थान पर भगवान ने शिव पूजन किया था, वहीं से भगवान शिव की प्रतिमा और जिलहरी भी मिली। आज भी वह आश्रम के मंदिर में है।आश्रम के पुजारी नारायण प्रसाद तिवारी ने बताया कि बीते 50 वर्षों पहले आश्रम की शुरुआत हुई। पहले यहाँ घना जंगल था। एक बार संत बनवारी दास महाराज यहाँ पहुँचे। प्रभु कृपा से संत महाराज को ज्ञात हुआ कि यहाँ कोई प्राचीन स्थान है, तब से उन्होंने यहाँ आश्रम बनाने की ठानी। धीरे धीरे लोग इस स्थान से जुड़ने लगे और आज भव्य आश्रम बनकर तैयार हो गया। शोध यात्रा के दौरान मालूम पड़ा कि वन गमन के लिए भगवान राम यहाँ से गुजरे थे। यहाँ पर भगवान शिव का विग्रह, लिंग और जिलहरी भी मिली।आश्रम में नीलकंठ महाराज, गोविंद सरकार, राधा कृष्ण, हनुमान जी, नर्मदा मैया, दुर्गा माता,शंकर भगवान समेत भगवान की अन्य मूर्तियां आश्रम के मंदिरों में स्थापित है। यहाँ संत बनवारी दास महाराज के सानिध्य में बीते कई वर्षों से हिन्दू धर्म के सभी धार्मिक आयोजन होते हैं। आश्रम में साधु संतों का आना जाना भी होता है।गुरु जी और मंदिरों में भगवान के दर्शन करते हैं। बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोग भी यहाँ पहुँचते है।

आज कलश यात्रा:- अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर रविवार को मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद के द्वारा भव्य कलश शोभायात्रा निकाली जाएगी। पिपरिया सहलावन रामकुंडी से भरभरा आश्रम तक शोभायात्रा जाएंगी। शोभायात्रा में भगवान श्रीराम की जीवांत झांकी भी शामिल रहेंगी।

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