कटनी- मध्य प्रदेश में कटनी के बाकल थाना क्षेत्र में बीती रात 12 बजे फिर बवाल हो गया। बुधवार को दोपहर में जहां करणी सेना के नेतृत्व में ग्रामीणों ने मारपीट के मामले में कड़ी कार्रवाई न करने पर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए चक्काजाम किया था वहीं रात में थाने में ही विवाद हो गया। पुलिस का कहना है कि कुछ लोगों ने थाने में घुसकर मारपीट की जिससे दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। इस वारदात में पांच ग्रामीणों के खिलाफ नामजद एफआईआर की गई है। वहीं ग्रामीणों ने इसे पुलिस की बर्बरतापूर्ण कार्रवाई बताया है। ग्रामीणों का कहना है कि वे सिर्फ शिकायत लेकर पहुंचे थे और पुलिस ने उन्हें ही आरोपी बना दिया।
घटना में घायल दो पुलिसकर्मी में से एक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। देर रात एसपी अभिनय विश्वकर्मा ने भी अस्पताल पहुंचकर घायल पुलिसकर्मी का हाल जाना। पुलिस कार्रवाई के बाद से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। विवाद के बाद रात 12 बजे ही स्लीमनाबाद, उमरियापान, बहोरीबंद व पुलिस लाइन से बल बाकल भेजा गया और तनाव को देखते हुए गांव में फोर्स तैनात कर दिया गया। बहरहाल गुरुवार सुबह से ही गांव में शांत माहौल है। प्रदर्शन व विरोध की आशंका को देखते हुए बल लगाया गया है।
अचानक भीड़ आई, पुलिसकर्मियों को मारा
स्लीमनाबाद एसडीओपी आकांक्षा चतुर्वेदी ने बताया कि बीती रात करीब 30 से 40 लोग बाकल थाना परिसर में पहुंच गए और पुलिस पर दबाव बनाने लगे। पुलिसकर्मियों ने जब विवाद कर रहे लोगों को रोका तो भीड़ ने उनपर हमला कर दिया। हमले में प्रधान आरक्षक कृष्णकुमार शुक्ला व अवधेश मिश्रा को चोटें आई हैं। कृष्णकुमार शुक्ला को प्राइवेट अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है।
मामले में प्रधान आरक्षक अवधेश की शिकायत पर केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने भास्कर राजपूत, शक्तिसिंह राजपूत, संतोष विश्वकर्मा, निखिल ताम्रकार व अन्य के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने, थाना परिसर में मारपीट करने व जान से मारने की धमकी देने का प्रकरण दर्ज किया है।
ग्रामीणों ने यह बताई घटना
ग्रामीणों ने बताया कि दोपहर में हुए प्रदर्शन के बाद रात में बहोरीबंद निवासी शमीम खान नाम युवक बाकल निवासी लक्की सोनी के मोबाइल पर फोन कर प्रदर्शन में शामिल युवाओं को फोन कर गाली-गलौज कर रहा था। इसकी शिकायत लेकर लक्की सोनी सहित अन्य युवा बाकल थाना पहुंचे थे। लक्की की शिकायत पर पुलिस ने शमीम पर एफआईआर दर्ज की। आरोप है कि एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिसकर्मी दोपहर में हुए प्रदर्शन से नाराज थे और प्रदर्शन में शामिल युवाओं को ही टारगेट करते हुए थाना परिसर में मौजदूगी होने पर आरोपी बना दिया जबकि थाने में किसी तरह का विवाद हुआ ही नहीं। ग्रामीणों का कहना है कि आरोपी बनाए गए सभी लोग थाने के 100 मीटर के दायरे में ही निवासरत है और दोपहर में ये सभी प्रदर्शन में शामिल थे।
जानकारी के अनुसार 19 अक्टूबर को बाकल थाना क्षेत्र के निवासी कुणाल राजपूत पिता विजय सिंह (22) के साथ दो युवक आशिम खान और आमिल खान ने किसी बात को लेकर विवाद कर उसे घर से बाहर बुलाकर खेत में ले जाकर बुरी तरह मारपीट की। युवक को गंभीर तरीके से यातनाएं दीं। इतना ही नहीं कट्टे व चाकू की नोक पर जमकर डराया धमकाया। आहत युवक की शिकायत पर परिजनों ने पुलिस थाना बाकल में रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सामान्य धाराएं धारा 296, 115(2), 351(2) और 225 के तहत मामला दर्ज किया। जबकि युवक को जबरदस्ती ले जाया गया, कठोर यातनाएं दी गईं, लेकिन बाकल पुलिस ने आरोपियों पर सख्ती नहीं दिखाई, जिससे कानून व्यवस्था बिगड़ती नजर आई। इस पर करणी सेना ने बुधवार को बाकल मुख्य मार्ग पर विरोध प्रदर्शन किया। करणी सेना के जिलाध्यक्ष सूर्यपाल सिंह सोलंकी और अन्य पदाधिकारियों ने सडक़ पर टायर जलाकर नारेबाजी की थी, जिसके बाद पुलिस ने धाराएं बढ़ाई थीं और आरोपियों को गिरफ्तार किया।