उमरियापान सहित क्षेत्र में बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया विजयादशमी पर्व, भक्तिरस और आस्था में डूबा नगर, कानून व ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए अलग-अलग टीमों में बंटकर नगर भ्रमण के मार्गों पर तैनात रही पुलिस।
कलयुग की कलम से राकेश यादव

उमरियापान सहित क्षेत्र में बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया विजयादशमी पर्व, भक्तिरस और आस्था में डूबा नगर, कानून व ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए अलग-अलग टीमों में बंटकर नगर भ्रमण के मार्गों पर तैनात रही पुलिस।
कलयुग की कलम उमरिया पान – विजयदशमी यानी दशहरा का पावन पर्व उमरियापान सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों में बड़े ही धूमधाम, श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। माता रानी की भव्य शोभायात्रा और चल समारोह देखने के लिए श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। जगह-जगह मातृशक्ति की झांकियों और आकर्षक प्रतिमाओं ने भक्तों को मोहित किया, तो वहीं डीजे की धुनों और बैंड-बाजों पर झूमते श्रद्धालुओं ने पर्व की भव्यता में चार चांद लगा दिए।नगर में दशहरा पर्व के अवसर पर सैकड़ों देवी प्रतिमाएं कतारबद्ध ढंग से नगर भ्रमण के लिए निकलीं। काली, महाकाली, खप्पर वाली, शेरावाली और अन्य स्वरूपों में सुसज्जित प्रतिमाएं उमरियापान के मुख्य मार्गों से होते हुए नगर के हृदय स्थल झंडा चौक पर एकत्रित हुईं। झंडा चौक पर विभिन्न समितियों की झांकियां एकत्र होकर श्रद्धालुओं की भीड़ में विशेष आकर्षण का केंद्र बनी रहीं। यहाँ पर चल समारोह की भव्यता देखने लायक थी।



मुख्य मार्गो में बड़ी माई से लेकर झंडा चौक से आजाद चौक तक जगह-जगह पर समाजसेवियों व व्यापारियों ने स्टॉल लगाकर पानी प्रसाद कहीं हलवा, पूड़ी, चावल,खीर, अनेकों प्रकार के प्रसादो का वितरण किया गया चल समारोह में आए सभी श्रद्धालुओं ने प्रसाद का लुफ्त उठाया।
भक्तिरस में डूबा नगर, जयकारों से गूंजा आसमान
नगर भ्रमण के दौरान माता रानी के जयकारों से पूरा शहर गूंज उठा। “जय माता दी” और “माता रानी की जय” के जयघोष से वातावरण भक्तिमय बन गया। श्रद्धालु डीजे की धुनों पर थिरकते हुए माता के चरणों में नतमस्तक हो रहे थे। चल समारोह में विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक संगठनों के पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।

झंडा चौक से सभी प्रतिमाएं निर्धारित मार्गों से होकर विसर्जन स्थल तक पहुंचीं, जहां पर कृत्रिम कुंडों में विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद माता रानी का विसर्जन किया गया। भक्तों ने नम आंखों से जयकारे लगाते हुए माता को विदा किया और अगले वर्ष पुनः आने की कामना की।
आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भी रही धार्मिक उत्साह की धूम
उमरियापान के साथ-साथ आसपास के ग्रामों – बम्हनी, महनेर, मडेरा, शुक्ल पिपरिया, पोड़ी, सिमरिया, ढीमरखेड़ा, गनियारी, मुरवारी, दसरमन, सिलौडी, खमतरा, परसेल, घुघरी, घुघरा, पचपेड़ी, पकरिया, मगेला, हरदी, परसवारा – में भी माता रानी की प्रतिमाओं का विधिवत विसर्जन किया गया। हर जगह भक्तों ने धार्मिक अनुष्ठानों के साथ देवी प्रतिमाओं को विदाई दी।
रामलीला मंचन और रावण दहन बना आकर्षण का केंद्र
दशहरा पर्व के उपलक्ष्य में कटरा बाजार में रामलीला मंचन का आयोजन किया गया, जिसे देखने श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। रामायण के विभिन्न प्रसंगों को मंचित होते देख लोगों ने धार्मिक ज्ञान के साथ मनोरंजन का भी भरपूर आनंद लिया। रात में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद का विशाल दहन किया गया, जिसने बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया। रावण दहन देखने भीड़ का सैलाब उमड़ पड़ा। वहीं, झंडा चौक पर प्रोजेक्टर के माध्यम से रामायण के दृश्य भी प्रसारित किए गए, जिससे लोग ऐतिहासिक कथा से जुड़ सके।


कानून व्यवस्था में रही पुलिस की सराहनीय भूमिका
दशहरा पर्व के दौरान सुरक्षा और कानून व्यवस्था बनाए रखने में उमरियापान पुलिस की भूमिका सराहनीय रही। थाना प्रभारी दिनेश तिवारी के नेतृत्व में पुलिस बल ने अलग-अलग टीमों में बंटकर नगर भ्रमण के मार्गों पर तैनाती की। इससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ा। भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक व्यवस्था में पुलिस कर्मियों ने मुस्तैदी से काम किया।


चल समारोह के दौरान एक एंबुलेंस झंडा चौक पर जाम में फंस गई थी। तत्काल मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने मंडल उपाध्यक्ष प्रमोद असाटी और महामंत्री अंकित झारिया के साथ मिलकर रास्ता साफ किया और एंबुलेंस को बाहर निकाला, जिससे मरीज को समय पर चिकित्सा सुविधा मिल सकी। इस मानवीय और संवेदनशील कार्य की हर ओर सराहना की गई।

जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों की सक्रिय भागीदारी
चल समारोह और विसर्जन कार्यक्रम में विभिन्न जनप्रतिनिधियों, स्थानीय निकायों के पदाधिकारियों, सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। उन्होंने व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग किया और श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन प्रदान किया। सभी ने एकजुट होकर पर्व को शांतिपूर्ण और गरिमामय ढंग से संपन्न कराने में योगदान दिया।
धार्मिक एकता और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक बना पर्व
विजयादशमी पर्व ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि धर्म, संस्कृति और परंपरा हमारी सामाजिक एकता की आधारशिला हैं। माता रानी के जयघोषों, रामलीला मंचन और रावण दहन के साथ लोगों ने बुराई पर अच्छाई की विजय का उत्सव मनाया। श्रद्धालुओं की भीड़ और धार्मिक उल्लास ने साबित किया कि आस्था और विश्वास आज भी समाज को एक सूत्र में बांधते हैं।इस बार का विजयादशमी पर्व उमरियापान सहित पूरे क्षेत्र में यादगार बन गया। भव्य चल समारोह, आकर्षक झांकियां, धार्मिक अनुष्ठान, सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था और जनसहभागिता ने इसे विशेष बना दिया। नगर भक्तिरस, आस्था और सांस्कृतिक एकता के रंगों में सराबोर रहा। माता रानी को विदाई देते समय श्रद्धालुओं ने अगले वर्ष पुनः इसी उल्लास के साथ पर्व मनाने की कामना की।




