आस्थामध्यप्रदेश

सिलौंडी के घने जंगलों में मां वीरासन मंदिर में भव्य भंडारा एवं देवी जागरण का आयोजन, श्रद्धा और भक्ति में सराबोर हुआ माहौल,परमपूज्य संत श्री 108 बनवारी दास महाराज भरभरा वालों का आगमन भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।

कलयुग की कलम से राकेश यादव

सिलौंडी के घने जंगलों में मां वीरासन मंदिर में भव्य भंडारा एवं देवी जागरण का आयोजन, श्रद्धा और भक्ति में सराबोर हुआ माहौल,परमपूज्य संत श्री 108 बनवारी दास महाराज भरभरा वालों का आगमन भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा।

कलयुग की कलम सिलौंडी  – प्राकृतिक सुंदरता और घने जंगलों के बीच स्थित मां वीरासन (विराजी) माता मंदिर में इस वर्ष भी श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। माता रानी के पावन दरबार में जिला पंचायत सदस्य कविता पंकज राय द्वारा विशाल भंडारा एवं कन्या भोज का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र के सैकड़ों श्रद्धालुओं ने शामिल होकर देवी मां का आशीर्वाद प्राप्त किया।

सुबह से ही मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। दूर-दूर के गांवों से आए भक्तों ने पूजा-अर्चना कर मां वीरासन से सुख-समृद्धि की कामना की। माता रानी के दरबार में पहुंचे भक्त एवं दूरस्थ गांव से आई हुई कन्याओं का पूजन कर उन्हें स्वयं जिला पंचायत कविता पंकज राय ने अपने हाथों से प्रसाद वितरण भोजन कराया।कार्यक्रम में महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। पूरा मंदिर परिसर “जय माता दी” और “जय वीरासन मां” के जयघोषों से गूंजता रहा।

देवी जागरण ने बांधा समा, संजो बघेल के भजनों ने झकझोर दी श्रद्धा

शाम होते ही मां वीरासन मंदिर का वातावरण और भी भक्तिमय हो गया जब यहां देवी जागरण और जगराता का शुभारंभ हुआ। सुप्रसिद्ध भजन गायिका संजो बघेल ने अपनी सुरमई आवाज़ और भक्ति से सराबोर गीतों से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

उन्होंने “मैया विराजे सिंह वाहिनी हो मां”, “माई तोरे लाने”, “भोला नई माने रे” जैसे लोकप्रिय देवी भजनों की प्रस्तुति दी, जिन पर भक्त झूम उठे। मंच पर प्रस्तुत किए गए शिव-पार्वती, माता महाकाली और राधा-कृष्ण की जीवंत झांकियों ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया और ऐसा लगा मानो देव लोक स्वयं धरती पर उतर आया हो।

देवी जागरण के दौरान वातावरण में ऐसी दिव्यता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार हुआ कि भक्त देर रात तक भक्ति में लीन होकर मां का गुणगान करते रहे। कई श्रद्धालु भजनों के दौरान भक्ति रस में सराबोर होकर नृत्य करते नजर आए।

संत बनवारी दास जी महाराज का आशीर्वचन

मां वीरासन माता के दरबार में परमपूज्य संत श्री 108 बनवारी दास महाराज भरभरा वाले का आगमन भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहा। संत श्री ने माता रानी के दर्शन कर पूजा-अर्चना की और अपने मुखारविंद से ज्ञान रूपी अमृतवाणी का रसपान कराया। उन्होंने धर्म, सत्य, सेवा और संस्कारों पर आधारित जीवन जीने का संदेश दिया और उपस्थित श्रद्धालुओं को आशीर्वाद प्रदान किया।संत श्री ने अपने प्रवचन में कहा कि माता की भक्ति मात्र पूजा-अर्चना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन को सकारात्मकता, साहस और करुणा से भरने का माध्यम है।

पंकज राय परिवार की सेवा भावना बनी प्रेरणा

कार्यक्रम के दौरान क्षेत्र के लोगों ने समाजसेवी पंकज राय और उनकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य कविता पंकज राय के प्रयासों की सराहना की। जानकारी के अनुसार, पिछले करीब 15 वर्षों से पंकज राय परिवार मां वीरासन माता के दरबार में प्रतिवर्ष देवी जागरण, भंडारा और कन्या भोज का आयोजन करते आ रहे हैं। उनका उद्देश्य न केवल धार्मिक परंपराओं को जीवित रखना है, बल्कि समाज में भक्ति, एकता और संस्कारों को भी सशक्त करना है।

कविता पंकज राय ने कहा कि मां वीरासन की कृपा और श्रद्धालुओं के सहयोग से हर वर्ष यह आयोजन भव्य रूप से संपन्न होता है। उन्होंने कहा, “हमारा प्रयास है कि आने वाली पीढ़ियां भी भारतीय संस्कृति, देवी भक्ति और परंपराओं से जुड़ी रहें। मां के आशीर्वाद से हमें समाज की सेवा का अवसर मिलता है और यही हमारा सबसे बड़ा सौभाग्य है।”

दूर-दूर से पहुंचे श्रद्धालु

कार्यक्रम की भव्यता और आध्यात्मिकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आसपास के गांवों, कस्बों और यहां तक कि अन्य जिलों से भी श्रद्धालु मां वीरासन के दरबार में पहुंचे। सुबह से देर रात तक माता रानी के दर्शन और भंडारा प्रसाद का लाभ लेने के लिए भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं। कई श्रद्धालु परिवार सहित माता के दरबार पहुंचे और अपने जीवन की सुख-शांति के लिए प्रार्थना की।भक्तों ने बताया कि मां वीरासन माता का दरबार चमत्कारी है और यहां आने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। श्रद्धालुओं ने आयोज श्री राय के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन न केवल धार्मिक आस्था को मजबूत करते हैं बल्कि समाज को एक सूत्र में जोड़ने का कार्य भी करते हैं।

भक्तिभाव से सराबोर हुआ पूरा क्षेत्र

देवी जागरण और भंडारा आयोजन के दौरान पूरा सिलौंडी क्षेत्र भक्ति और श्रद्धा के रंग में रंग गया। मंदिर परिसर को फूलों, दीपों और रोशनी से सजाया गया था। भजन संध्या, झांकियों और संतों के आशीर्वचन ने वातावरण को आध्यात्मिकता से भर दिया। माता रानी की आरती और प्रसाद वितरण के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

श्रद्धालुओं का मानना है कि इस प्रकार के आयोजन न केवल धार्मिक परंपराओं को जीवित रखते हैं, बल्कि नई पीढ़ी को भी अपनी संस्कृति और आस्था से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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