प्रशासनमध्यप्रदेश

अनुविभागीय अधिकारी ढीमरखेड़ा ने महा अभियान में लापरवाही बरतने वाले पटवारी पर की सख्त कार्यवाही अपने दायित्वों के प्रति लापरवाही करना पड़ी भारी पटवारी विश्वनाथ सिंह ठाकुर तत्काल प्रभाव से निलंबित

कलयुग की कलम से राकेश यादव

अनुविभागीय अधिकारी ढीमरखेड़ा ने महा अभियान में लापरवाही बरतने वाले पटवारी पर की सख्त कार्यवाही अपने दायित्वों के प्रति लापरवाही करना पड़ी भारी पटवारी विश्वनाथ सिंह ठाकुर तत्काल प्रभाव से निलंबित

कलयुग की कलम ढीमरखेड़ा –म.प्र.शासन के द्वारा आमजनों की समस्याओं को दूर करने के लिये राजस्व महा अभियान 0.3 की शुरूआत की है लेकिन यह कुछ कर्मचारियों को रास नहीं आ रहा है। अनुविभागीय अधिकारी ढीमरखेड़ा के द्वारा संबंधित पटवारी को नोटिस देकर कार्य के प्रति प्रगति लाने आदेशित किया गया था लेकिन दोषी पटवारी के द्वारा एसडीएम के नोटिस का जवाब देना भी उचित नहीं समझा। लिहाजा पटवारी विश्वनाथ सिंह ठाकुर को तत्काल प्रभाव से निलंबन के आदेश जारी किये गये है।
विदित हो कि अनुभाग ढीमरखेडा अंतर्गत राजस्व महा अभियान 3.0 में पटवारी विश्वनाथ सिंह ठाकुर प०ह०नं0 60, 48 सिलौंडी एवं दशरमन द्वारा महा अभियान में आज दिनांक तक लक्ष्य केवाईसी 3332 में से केवल 202 केवाईसी की गयी है, एवं टारगेट नक्शा 731 में से केवल 23 नक्शों का बटांकन किया गया है। जबकि महा अभियान समाप्ति की स्थिति में है। उक्त संबंध में पूर्व में ली गयी मीटिंग वीसी के माध्यम से वीसी दिनांक 18/01/2025 एवं 20/01/2025 में भी पटवारी अनुपस्थित रहा है। इस संबंध में कई बार मीटिंग एवं समक्ष में अवगत कराया जा कर प्रगति हेतु निर्देशित किया गया है एवं उक्त संबंध में कारण बताओ नोटिस कमांक/33/ अविअ/2025 ढीमरखेडा दिनांक 16/01/2025 के माध्यम से जबाव चाहा गया था,, किंतु पटवारी के द्वारा नोटिस के संबंध में कोई पक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया। प्रथम दृष्टया पटवारी का यह कृत्य अपने पदीय दायित्वों के प्रति घोर कदाचरण, स्वेच्छाचारिता एवं घोर लापरवाही का परिचायक है। सिविल सेवा आचरण (वर्गिकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9(2) के प्रावधानों के अंतर्गत विश्वनाथ सिंह ठाकुर प०ह०नं0 48, 60 तहसील ढीमरखेडा को तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है। निलम्बन अवधि के दौरान नियमानुसार जीवन निर्वाह भुत्ता की पात्रता होगी। साथ ही निलम्बन अवधि के दौरान इनका मुख्यालय तहसील कार्यालय ढीमरखेडा ही रहगा।

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