Blogमध्यप्रदेश

एमपी बीजेपी में जिलाध्यक्षों को लेकर जमकर खींचतान

कलयुग की कलम से रामेश्वर त्रिपाठी की रिपोर्ट

मध्य प्रदेश में इन दिनों बीजेपी जिलाध्यक्षों के चयन को लेकर सियासी माहौल गर्माया है। फीडबैक और रायशुमारी के बाद अब जिलाध्यक्षों के चयन के लिए भोपाल में दो दिन तक बड़ी बैठक बुलाई गई है। 2 और 3 जनवरी को भोपाल के बीजेपी कार्यालय में होने वाली बैठकों में बीजेपी निर्वाचन पदाधिकारी जिलाध्यक्षों के नामों पर मंथन करेंगे और उम्मीद है कि इसके बाद 5 जनवरी तक जिलाध्यक्षों के नामों का ऐलान हो जाएगा।

5 जनवरी तक जिलाध्यक्षों को ऐलान !

जिस तरह से विधानसभा और लोकसभा चुनाव में रायशुमारी होती है ठीक उसी तरह से भाजपा में जिलाध्यक्षों के चयन के लिए रायशुमारी की गई है। अब इसी के आधार पर पैनल बनाकर श्रेष्ठ का चुनाव किया जाएगा। बीजेपी के प्रदेश संगठन चुनाव प्रभारी सरोज पाण्डे और राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश 2-3 जनवरी को भोपाल में बीजेपी मुख्यालय में जिला अध्यक्षों के नामों पर मंथन व चर्चा करेंगे और इसके बाद जिलाध्यक्षों की अंतिम सूची तैयार की जाएगी और 5 जनवरी तक 5 जनवरी तक जिलाध्यक्षों के नामों का ऐलान किए जाने की पूरी संभावनाएं हैं।

जिलाध्यक्षों को लेकर मची खींचतान

बता दें कि बीजेपी में जिलाध्यक्ष का पद प्रदेश अध्यक्ष तक पहुंचने की पहली सीढ़ी कहा जाता है। इसके साथ ही जिलाध्यक्ष को पावर भी मिलते हैं यही कारण है कि जिलाध्यक्षों के पदों को लेकर सियासी खींचतान मची हुई है और दिग्गज नेता भी अपने अपने समर्थकों को जिलाध्यक्ष बनाने के लिए लगे हुए हैं। बताया जा रहा है कि ग्वालियर में जिला अध्यक्ष पद के लिए सिंधिया, तोमर अपने-अपने समर्थकों के लिए जोर आजमाइश कर रहे हैं तो वहीं भोपाल में मंत्री कृष्णा गौर, विधायक रामेश्वर शर्मा और सांसद आलोक शर्मा भी अपने अपने समर्थकों के लिए प्रयास कर रहे हैं।

Related Articles

Back to top button