जल गंगा संवर्धन अभियान: बारिश की बूँदों को सहेजने बनी जल संरचनाएं तालाब और बावडि़यों को सहेजने और साफ-सफाई करने उठे हजारों हाथ ढीमरखेड़ा विकासखंड के अंतर्गत अलग-अलग पंचायतों में 11निर्माण चिह्नित किए गए।
कलयुग की कलम से राकेश यादव

जल गंगा संवर्धन अभियान: बारिश की बूँदों को सहेजने बनी जल संरचनाएं तालाब और बावडि़यों को सहेजने और साफ-सफाई करने उठे हजारों हाथ ढीमरखेड़ा विकासखंड के अंतर्गत अलग-अलग पंचायतों में 11निर्माण चिह्नित किए गए।
कलयुग की कलम कटनी – जलगंगा संवर्धन अभियान के तहत कलेक्टर श्री दिलीप कुमार यादव के निर्देश एवं मार्गदर्शन में जिले में बारिश की अमृत बूंदों को सहेजने नवीन जल संरचनाओं के सृजन, जीर्णोद्धार, मरम्मत तथा संचय व संवर्धन की दृष्टि से अमृत सरोवरों, कपिलधारा कूप रिचार्ज पिट, खेत-तालाब आदि संरचनाओ का निर्माण किया गया। साथ ही ग्रामीणों की जनभागीदारी और श्रमदान से जल संरचनाओं की साफ-सफाई के कार्य हेतु उठे हजारों हाथों ने जल की महत्ता को समझते हुए योगदान दिया।


जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत जिले में 14 करोड़ 43 लाख रूपये की लागत से 3 हजार 978 जल संरचनाओं के निर्माण कार्य स्वीकृत किये गए हैं। अभियान के तहत मनरेगा योजनान्तर्गत 4 करोड़ 38 लाख रूपये की लागत से 2 हजार 49 खेत तालाब स्वीकृत किेये गये हैं।
इसी प्रकार कपिलधारा कूप रिचार्ज पिट के 1 हजार 856 कार्य स्वीकृत हुये हैं। जिसकी लागत 47 लाख 66 हजार रूपये है। वहीं 4 करोड़ 30 लाख रूपये की लागत से जिले में 18 अमृत सरोवर का निर्माण भी किया जा रहा है। अधिकांश कार्य पूर्णता की ओर है। इन जल संरचनाओं के निर्माण हेतु स्थल चयन में जिले के इतिहास में पहली बार वैज्ञानिक पद्धति सिपरी साफ्टवेयर की मदद से ली गई है। जिससे बेहतर स्थल चयन हो और अधिक मात्रा में जल संरक्षित हो सके।
अभियान के तहत राजस्व विभाग के माध्यम से ग्राम पंचायतों में पूर्व से निर्मित 115 अमृत सरोवर तालाबों का राजस्व अभिलेख में दर्ज किया गया है।
अभियान के दौरान जन अभियान परिषद के माध्यम से पुरानी जल संरचनाओं, कुओं, बावडियों एवं धार्मिक स्थलों में 282 कार्य, 1894 दीवार लेखन, 164 स्थलों पर नुक्कड़ नाटक एवं प्रभात फेरी के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया गया।
वहीं उद्यानिकी विभाग द्वारा 28 कार्य शालायें आयोजित की गई हैं। जिसमें 720 किसानों को पौधारोपण के लाभों से अवगत कराया गया है।
*जलदूतों का प्रशिक्षण*
अभियान के तहत माय भारत पोर्टल पर 2600 के लक्ष्य के विरूद्ध 3094 वॉलेंटियर का रजिस्ट्रेशन किया गया। जिन्हें लगातार प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में भू-जल स्तर की गुणवत्ता की निगरानी करने और जल संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाने में इस प्रशिक्षण की महत्त्वपूर्ण भूमिका होगी।
*नगरीय निकायों में कार्य*
अभियान के तहत अमृत 2.0 योजनान्तर्गत कटनी नदी पर निर्मित मोहन घाट एवं मसुरहा घाट में वाटर बॉडी रेजुवनेशन का कार्य 1.83 करोड़ रूपये की लागत से कराया जा रहा है। अभियान अंतर्गत शहर के विभिन्न स्थानों पर नगर निगम द्वारा कुल 11 स्थानों पर एवं समाजसेवी संस्थाओ द्वारा भी शहर के अलग-अलग 16 स्थानों पर इस प्रकार कुल 27 निःशुल्क सार्वजनिक प्याऊ की व्यवस्था की गई।
अभियान अंतर्गत शहर के विभिन्न स्थानों पर स्थापित नलकूपों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग हेतु रिचार्ज पिट निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है। अब तक 49 नग नलकूपों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग हेतु रिचार्ज पिट निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। आगामी समय में कुल 100 नलकूपों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग हेतु रिचार्ज पिट निर्माण कार्य किया जाना है।
कटनी नगर में संचालित विभिन्न विद्यालयों के टीनएजर्स के समूह “विजन” एवं अन्य संस्थाओं द्वारा श्रमदान के माध्यम से कटनी नदी मसुरहा घाट में नदी एवं घाट सफाई कार्य, कटनी नदी कटायेघाट में से जलकुम्भी हटाने का कार्य, अमीरगंज तालाब, सुरम्य पार्क में नौका विहार हेतु निर्मित झील, सिमरार नदी पर निर्मित बाबा घाट, माई घाट साफ-सफाई की गई जिसमें माई घाट से पूजन सामग्री, पॉलीथिन एवं अन्य प्रकार के कचरे के साथ-साथ नदी में एकत्रित जलकुम्भी हटाने की कार्यवाही की गई।
अभियान अंतर्गत नगर पालिक निगम द्वारा शहर के विभिन्न स्थानों पर स्थापित सार्वजनिक भरे एवं पटे कुओं की सफाई हेतु योजना तैयार कर कार्य प्रारंभ किया गया। जिसमें से वर्तमान तक 16 कुओं से लगभग 340 क्यूबिक मीटर कचरा, मलबा निकला जा चुका है। वहीं नगर निगम सीमान्तर्गत नदी में मिलने वाले बड़े 56 नालों की सफाई कार्य लगभग 1213 क्यूबिक मीटर कचरा एवं मलबा निकला जा चुका है।
*661 योजनाओं की जियोटैगिंग*
नलजल योजना अंतर्गत जिले में कुल 661 योजनाओं के स्त्रोतों की जियो टैगिंग का कार्य पूर्ण किया जा चुका है। चिह्नित तालाब एवं नदी नालों के अंदर अथवा उसके नजदीक में स्थित पेयजल स्त्रोंतों के पुर्नभरण हेतु रिचार्ज साफ्ट संरचना निर्माण विभाग द्वारा सहायक यंत्रियों के माध्यम से विकासखण्ड बहोरीबंद 29, विजयराघवागढ 34, बडवारा 11, ढीमरखेडा 11, कटनी 12 इस प्रकार कुल 97 तालाब एवं नदी नालों को रिर्चाज साफ्ट के निर्माण चिह्नित किया गया है।
नलजल योजनाओं के अंतर्गत 208 पाईप लाइन लीकेज व 223 टपकते नल सुधार कर पानी के अपव्यय के समस्याओं का निराकरण किया गया। वहीं कुल 249 नल बदले गए एवं प्रचार प्रसार हेतु 43 गतिविधियां आयोजित की गई।
*जलाशयों व नहरों की साफ-सफाई*
जल संसाधन विभाग अंतर्गत निर्मित जलाशयों की नहरों एवं अन्य स्थलों का साफ-सफाई एलबीसी एवं आरबीसी में घास, झाडी, पेड-पौधों की सफाई का कार्य किया गया है। सकरवारा जलाशय, दतला जलाशय, अमाडी जलाशय, हिनौती जलाशयों की साफ-सफाई करायी गई है। सलैया, हिनौती, सिलपुरी एवं छपरी जलाशय के सिपेज को रोकने आवश्यक हार्टिंग, पिचिंग एवं बोल्डर टो का कार्य किया गया।




