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‘ग्राम रोजगार सहायकों’ की नौकरी जाने का खतरा, हर साल होगा मूल्यांकन..

कलयुग की कलम से रामेश्वर त्रिपाठी की रिपोर्ट

भोपाल- ग्राम रोजगार सहायकों का अब हर साल मूल्यांकन होगा। यह काम के आधार पर होगा। 60 अंक लाने होंगे। इससे कम अंक लाने वालों को नौकरी गंवानी पड़ सकती है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने गांवों के विकास में रोजगार सहायकों की भूमिका को और प्रभावी बनाने को उच्च स्तरीय बैठक की और ग्राम रोजगार सहायक मार्गदर्शिका लागू कर दी।

सुविधाएं भी मिलीं

मार्गदर्शिका में कई रियायतों का भी प्रावधान किया है। 13 आकस्मिक, 3 ऐच्छिक, 15 विशेष अवकाश मिलेंगे। पहली बार स्थानांतरण नीति लागू की है। इसके तहत तीन वर्षों की सेवा के बाद रोजगार सहायक अपना ताबदला करा सकेंगे। ग्राम रोजगार सहायकों के कर्तव्यों को परिभाषित किया है। जॉब कार्ड निर्माण, मजदूरी भुगतान, कार्यों की जियो टैगिंग और शासन की योजनाओं के समन्वय तक की जिम्मेदारी शामिल है।

लिखित परीक्षा होगी

मंत्री पटेल ने बैठक में कहा कि पंचायतों से ही प्रदेश के विकास को गति दी जा सकती है। इसे देखते हुए ग्रामीण अर्थव्यवस्था में प्रबंधन सुधार के साथ समावेशी विकास का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। पटेल ने साफ कर दिया है कि आगे जिन भी पंचायतों में ग्राम रोजगार सहायकों की नियुक्ति होंगी, उसके लिए लिखित परीक्षा होगी। सिस्टम तैयार कराया जा रहा है। चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता अहम रहेगी।

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