कटनी- भरदा बरखेड़ा में शुक्रवार की दोपहर दर्दनाक सड़क हादसे ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। घटना में 55 वर्षीय प्रौढ़ किशोरी उर्फ शानू राजपाल गंभीर रूप से घायल हो गए।ग्रामीणों के अनुसार, हादसा बहोरीबंद पुलिस की गाड़ी से हुआ, जिसमें थाने के प्रभारी अखिलेश दाहिया स्वयं मौजूद बताए जा रहे हैं। घटना की सूचना फैलते ही न केवल आसपास के गांवों में आक्रोश का माहौल बन गया, बल्कि ग्रामीणों ने मौके पर सड़क जाम कर दिया और जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर तत्काल FIR दर्ज करने की मांग शुरू कर दी।
घायल को तुरंत स्लीमनाबाद अस्पताल पहुँचाया गया
सूचना मिलते ही पुलिसकर्मियों और मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने घायल को तत्काल स्लीमनाबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचाया, जहाँ डॉक्टरों ने उसकी हालत गंभीर बताते हुए लगातार इलाज शुरू किया। चिकित्सकों के अनुसार, किशोरी राजपाल को सिर, हाथ और पैरों में गंभीर चोटें आई हैं और उनकी स्थित पूरी तरह स्थिर नहीं है। जरूरत पड़ने पर उन्हें कटनी या जबलपुर रेफर किया जा सकता है।
पुलिस की भूमिका पर सवाल
हादसे के तुरंत बाद ग्रामीणों में गुस्सा भड़क उठा। ग्रामीणों का आरोप है कि वाहन बहोरीबंद पुलिस का था और ड्राइविंग में लापरवाही के चलते यह घटना हुई। उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों ने शुरुआत में घटना को छिपाने की कोशिश की और साफ-साफ जानकारी देने में आनाकानी की। कुछ ग्रामीणों ने तो यह भी आरोप लगाया कि पुलिस हादसे को “सामान्य दुर्घटना” बताकर जिम्मेदारी से बचने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि जब वाहन सरकारी हो और चालक तथा अधिकारी ड्यूटी पर हों, तो ऐसे मामलों में गंभीरता से जांच की जानी चाहिए।
ग्रामीणों ने लगाया जाम
हादसे के बाद देखते ही देखते बड़ी संख्या में लोग मौके पर इकट्ठा हो गए। लोगों ने सड़क पर बैठकर जाम लगाया और आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी। जाम के कारण कई घंटे तक यातायात बाधित रहा और आसपास के गांवों में हलचल फैल गई। ग्रामीण लगातार यह मांग करते रहे कि जब तक थाना प्रभारी और वाहन चालक पर FIR दर्ज नहीं की जाती, तब तक वे जाम नहीं खोलेंगे। ग्रामीणों ने नारेबाज़ी भी की और कहा कि यह स्पष्ट रूप से पुलिस की लापरवाही का मामला है, इसलिए कार्रवाई आवश्यक है।
प्रशासन हरकत में आया
जाम की खबर मिलते ही पुलिस प्रशासन के अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुँचे। उन्होंने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की कि उचित प्रक्रिया के अनुसार जांच की जाएगी। अधिकारियों ने ग्रामीणों को यह भी आश्वासन दिया कि घायल व्यक्ति के इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।हालाँकि ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी कई मामलों में पुलिस पर आरोप लगाए गए, लेकिन जाँच लंबी खिंचने की वजह से दोषियों पर कार्रवाई नहीं हो सकी। इस बार वे तत्काल FIR दर्ज होने की मांग पर अडिग रहे।
ग्रामीण बोले सिर्फ जांच का आश्वासन नहीं चाहिए
ग्रामीणों ने कहा कि अक्सर ऐसे मामलों में पुलिस ‘उच्च स्तरीय जांच’ का सिर्फ आश्वासन देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देती है। लेकिन इस घटना में पीड़ित की हालत नाजुक है और जिम्मेदार पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई किए बिना ग्रामीण जाम नहीं हटाएंगे। एक ग्रामीण ने कहा, अगर पुलिस ही हमारी सुरक्षा के लिए है, लेकिन वही हादसा करे और बचने की कोशिश करे तो हम किसके पास जाएँ? हम केवल न्याय चाहते हैं।