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ढीमरखेड़ा में आयोजित हुआ मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह कार्यक्रम, विवाह कार्यक्रम में दिखी अव्यवस्थाएं,परेशान होते रहे ग्रामीण, जनप्रतिनिधियों ने अधिकारियों पर लगाये गम्भीर आरोप 43 जोड़ों ने थामा एक दूजे का हाथ जीवन भर साथ निभाने का किया वादा।

कलयुग की कलम से राकेश यादव

ढीमरखेड़ा में आयोजित हुआ मुख्यमंत्री सामूहिक कन्या विवाह कार्यक्रम, विवाह कार्यक्रम में दिखी अव्यवस्थाएं,परेशान होते रहे ग्रामीण, जनप्रतिनिधियों ने अधिकारियों पर लगाये गम्भीर आरोप 43 जोड़ों ने थामा एक दूजे का हाथ जीवन भर साथ निभाने का किया वादा।

कलयुग की कलम उमरिया पान-ढीमरखेड़ा जनपद पंचायत में हुए सामूहिक मुख्यमंत्री कन्या विवाह  कार्यक्रम में अव्यवस्थाएं हावी रही। यहाँ विवाह के आये जोड़ों के साथ पहुँचे परिजनों को परेशान होना पड़ा।जनप्रतिनिधियों ने भी सामूहिक विवाह कार्यक्रम को लेकर प्रशासन पर सवाल खड़ा किया। हासिल जानकारी के मुताबिक ढीमरखेड़ा जनपद में शुक्रवार को मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत सामूहिक विवाह कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। 56 जोड़ों ने विवाह के लिए पंजीयन कराया। 43 जोड़ों युवक-युवतिया परिणय सूत्र में बंधी।

इस मौके पर जनपद सदस्य ज्योति दीपू बैरागी ने वधुओं को चूड़ी एवं श्रृंगार सामग्री भेंट की। कार्यक्रम में जनपद अध्यक्ष सुनीता दुबे ,उपाध्यक्ष दुर्गा पटेल,जिला पंचायत सदस्य अजय गौंटिया, प्रिया सिंह,एसडीएम विकी सिंहमारे,जनपद सीईओ यजुवेंद्र कोरी,मंडल अध्यक्ष मनीष बागरी, आशीष चौरसिया,संतोष दुबे, पारस पटेल, रवि अवस्थी,जनपद सदस्य  अटल बिहारी बाजपेयी, माधुरी अवस्थी,श्रीकांत पटेल,शैलेंद्र पौराणिक,महेंद्र कोरी,गणेश दत्त गौतम, लक्ष्मी बाई,निरंजन खटीक,अर्चना राजभर, सरस्वती साहू सहित जनपद स्तरीय अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

जिला पंचायत सदस्य ने लगाए अनियमितता के आरोप

जिला पंचायत सदस्य अजय गौंटिया ने  अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आदिवासी बाहुल्य ढीमरखेड़ा जनपद में सरकार की मंशा के अनुरुप सामूहिक विवाह कार्यक्रम नहीं किया गया। विवाह कार्यक्रम में जनपद प्रशासन के अधिकारियों द्वारा जमकर लापरवाही बरती गई।उन्होंने कहा कि जनपद प्रशासन ने बंद मंगल भवन में विवाह कार्यक्रम कराया। जहाँ एक ही मंडप में एक साथ चार चार जोड़ों ने फेरे लिया।कमरे में धुंआ इतना था कि विवाह की खुशी की बजाय वर – वधु की आंखों से आंसू टपक रहे थे।उन्होंने कहा कि यह सामूहिक विवाह कार्यक्रम खुले मैदान में सुव्यवस्थित पंडाल पर होना चाहिए। जिला पंचायत सदस्य ने विवाहित जोड़ों को दी गई सामग्री पर कमीशन खोरी को लेकर भी सवाल खड़े किया है।उन्होंने कहा कि वर वधु के साथ आये परिजनों को बैठने की कोई व्यवस्था नहीं हैं।साथ आये लोग यहाँ वहाँ भटकते रहे। पीने के पानी के लिए लोगों को परेशान होना पड़ा।उन्होंने कहा कि यहाँ अधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों की बैठक व्यवस्था का प्रोटोकॉल भी तय नहीं किया है। ऐसे बहुत सारे सवाल जनप्रतिनिधियों ने खड़े किए हैं।

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