आस्थामध्यप्रदेश

उत्तम अकिंचन दिवस: राजेश भैया गढ़ा वाले ने सिहोरा जैन मंदिर में दिया आध्यात्मिक संदेश श्रद्धालुओं ने शांति धारा, भजन-कीर्तन, मंत्रोच्चार और ध्यान के माध्यम से आध्यात्मिक शांति तथा आत्मशुद्धि का अनुभव किया।

कलयुग की कलम से राकेश यादव

उत्तम अकिंचन दिवस: राजेश भैया गढ़ा वाले ने सिहोरा जैन मंदिर में दिया आध्यात्मिक संदेश श्रद्धालुओं ने शांति धारा, भजन-कीर्तन, मंत्रोच्चार और ध्यान के माध्यम से आध्यात्मिक शांति तथा आत्मशुद्धि का अनुभव किया।

कलयुग की कलम सिहोरा -शुक्रवार को पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर खितौला में जैन समाज द्वारा पर्युषण पर्व अंतर्गत उत्तम अकिंचन दिवस श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। सुबह से ही मंदिर प्रांगण में भक्तों का जमावड़ा लगा रहा। श्रद्धालुओं ने शांति धारा, भजन-कीर्तन, मंत्रोच्चार और ध्यान के माध्यम से आध्यात्मिक शांति तथा आत्मशुद्धि का अनुभव किया।

इस अवसर पर राजेश भैया गढ़ा वाले लगातार उपस्थित रहकर श्रद्धालुओं का मार्गदर्शन करते रहे। अपने प्रवचन में उन्होंने कहा कि उत्तम अकिंचन दिवस केवल सांसारिक वस्तुओं का त्याग करने का पर्व नहीं है, बल्कि यह मन और आत्मा की शुद्धि, संयम, अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलने का अवसर भी है। उन्होंने बताया कि भक्ति और साधना से व्यक्ति मानसिक संतुलन, आत्मिक शांति और जीवन में आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त करता है।

भक्तों ने इस दिन दान और सेवा कार्यों में भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। मंदिर में जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र और अन्य आवश्यक सामग्री वितरित की गई। इससे न केवल व्यक्तिगत पुण्य की प्राप्ति हुई, बल्कि समाज में सहयोग और सामूहिक भक्ति का संदेश भी प्रसारित हुआ।

मंदिर प्रशासन ने बताया कि पर्युषण पर्व की समाप्ति के उपलक्ष्य में रविवार को भव्य श्रीजी की शोभा यात्रा निकाली जाएगी। इस शोभायात्रा में पूरे क्षेत्र के श्रद्धालुओं की सहभागिता रहेगी, जो घर-घर तक भक्ति, संयम और शांति का संदेश पहुंचाएगी।

दिनभर चले इस पावन आयोजन ने श्रद्धालुओं को यह संदेश दिया कि त्याग, संयम, दान और अहिंसा केवल धार्मिक अभ्यास नहीं बल्कि जीवन को शांति और समृद्धि की ओर ले जाने वाले आदर्श मार्ग हैं। उपस्थित भक्तों ने इस अवसर पर आध्यात्मिक अनुशासन अपनाने का संकल्प भी लिया।

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