मध्यप्रदेश

एमपी में खुला बोरवेल छोड़ने वालों की अब खैर नहीं, सरकार ने बनाया ये नया कानून

कलयुग की कलम से रामेश्वर त्रिपाठी की रिपोर्ट

मध्यप्रदेश में बीते साल से अबतक लगभग 6 बच्चों की बोरवेल में गिरने से मौत हो चुकी है। इसके रोकथाम के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए रोकथाम एंव सुरक्षा अधिनियम – 2024 कानून बनाया है। जिसके तहत खुले बोरवेल छोड़ने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बता दें कि, यह कानून पूरे एमपी में लागू हो चुका है। इसके तहत बोरवेल की ड्रिलिंग के समय एजेंसी या कंपनी द्वारा सही तरीके से सुरक्षा के इंतजाम नहीं करने पर कोई घटना घटित होती है तो एंजेसी के साथ-साथ जमीन के मालिक पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

शिकायत करने वाले को मिलेगा इनाम

बोरिंग होने के तीन महीने के अंदर जमीन के मालिक को बोरवेल को बंद करना होगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो मालिक और बोरिंग करने वाली एजेंसियों से जुर्माना वसूला जाएगा। इस राशि को शिकायतकर्ता को इनाम के रूप में दिया जाएगा। शिकायत सही पाने पर ही इनाम दिया जाएगा।

लापारवाही बरतनी पड़ेगी भारी

बोरिंग होने के बाद यदि बोरवेल में कोई घटना घटित होती है तो बोर करने वाली एजेंसी और जमीन के मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। बोरवेल में सुरक्षा उपाय नहीं पाए जाते हैं तो 10 हजार रुपए से 25 हजार रुपए तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।
वहीं, अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो भारतीय न्याय संहिता की धारा 100, 105, 106 और 110 के प्रावधान अनुसार कार्रवाई की जाएगी। दुर्घटना के दौरान बचाव कार्य में खर्च हुए पैसों को बोरिंग करने वाली एजेंसी या फिर जमीन के मालिक से वसूला जाएगा।

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