कलेक्टर आशीष सिंह ने कड़ा फैसला लिया
जिला प्रशासन में काम में लापरवाही करने या गड़बड़ी करने पर कई अफसरों को दंड दिया गया लेकिन पहली बार एक साथ आठ तहसीलदारों की तनख्वाह राजसात करने की कार्रवाई हुई। कई बार समझाइश देने के बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने कड़ा फैसला लिया। वे लगातार राजस्व अधिकारियों की बैठक में तहसीलदार व उनके अधिनस्थों को समझाइश देते रहे। यहां तक कि महाराजस्व अभियान में भी उन्होंने कइयों को सुधार करने के निर्देश दिए थे लेकिन ध्यान नहीं दिया।
इस बीच कलेक्टर सिंह के पास लगातार शिकायतें आ रही थी कि तहसीलदार बगैर व्यवहार के कोई काम नहीं करते है। नामांकन, सीमांकन और बटांकन सहित राजस्व के प्रकरणों में जनता को परेशान किया जा रहा है। इस पर सिंह ने पिछले दिनों अपर कलेक्टरों को तहसीलदारों के कार्यालयों में भेजकर जांच करा ली थी। उसमें कई कलाकारियां सामने आई। सोमवार को राजस्व अधिकारियों की बैठक में सिंह ने तो यहां तक बोल दिया था कि नौकरी छोड़कर दलाली शुरू कर दो।
इनकी एक माह की तनख्वाह राजसात व विभागीय जांच शुरू
योगेश मेश्राम – तहसीलदार कनाडिय़ा
जगदीश रंधावा – तहसीलदार जूनी इंदौर
शैवाल सिंह – तहसीलदार मल्हारगंज
जितेंद्र वर्मा – नायब तहसीलदार
मल्हारगंज
जितेंद्र सोलंकी – नायब तहसीलदार खुड़ैल
चौखालाल टाक – नायब तहसीलदार सांवेर
शिखा सोनी – तहसीलदार हातोद
धर्मेंद्र सिंह चौहान – नायब तहसीलदार बेटमा
शिकायत मिली तो होगा कार्रवाई
कलेक्टर सिंह ने सभी को निर्देश दिए है कि तहसील में बगैर कारण के कोई भी प्रकरण लंबित हुआ या पक्षकार को परेशान किया गया जिसकी शिकायत मिली तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। तहसील के अमले पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी एसडीओ को दी गई है। बैठक में उन्हें भी कहां था कि तहसील में गड़बड़ होती तो माना जाएगा कि आपका नियंत्रण नहीं है या आप भी शामिल है।