मध्यप्रदेश

एमपी के जबलपुर जेल में बन रही बाहुबलियों की गैंग, वांटेड्स के हर दिन बदले रहे बैरक

कलयुग की कलम से रामेश्वर त्रिपाठी

जबलपुर- जेल में बंद दुर्दांत अपराधी गैंग बनाने की कोशिश में लगे रहते हैं। उनकी गतिविधियां संदिग्ध होने पर जेल प्रशासन ने ऐसे बंदियों की निगरानी बढ़ा दी है। अब हर रोज उनकी बैरक बदली जा रही है। उन्हें अलग-अलग खण्डों में भेजा जा रहा है। ऐसे बंदियों को सलाखों में रखा जाता है। जेल प्रहरी हर वक्त उन पर नजर रखते हैं। सेंट्रल जेल में ऐसे 12 से 15 बंदी है, जिन्हें जेल प्रशासन ने संदिग्ध गतिविधियों के चलते निगरानी में रखा है। उनकी मुलाकात पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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बसंत कटनी जेल से फरार हो गया था। उसे काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने पकड़ा। जिसके बाद उसे जबलपुर जेल भेजा गया। इसके भी भागने की आंशका है। वहीं गैंगस्टर छोटू चौबे का गुर्गा अमन जेल में गैंग बनाने का प्रयास कर रहा था। राहुल चाइना ने स्टाफ से अभद्रता की और एनएसए के तहत जेल भेजे गए पिन्टू अन्ना द्वारा भी जेल के भीतर बंदियों और प्रहरियों से गलत बर्ताव किया गया। इसके चलते इन्हें भी निगरानी में रखा गया है।

जेल के भीतर यदि कोई बंदी गड़बड़ी करता है या उसका आचरण सही नही रहता है, तो उसे निगरानी में रखा जाता है। उसकी मुलाकात जहां बंद कर दी जाती है, वहीं हर रोज उसकी बैरक भी बदली जाती है।
अखिलेश तोमर, जेल अधीक्षक, सेन्ट्रल जेल जबलपुर

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