सफलता की कहानी स्व-सहायता समूह से जुड़कर सनकुई गाँव की निवासी सरोज बनीं सफल उद्यमी हर माह कमा रही 17 हजार
कलयुग की कलम से राकेश यादव

सफलता की कहानी स्व-सहायता समूह से जुड़कर सनकुई गाँव की निवासी सरोज बनीं सफल उद्यमी हर माह कमा रही 17 हजार
कलयुग की कलम कटनी – गरीबी और सीमित संसाधनों के बावजूद अपनी मेहनत और लगन सेसरोज कुर्मी न केवल एक सफल उद्यमी बनीं, बल्कि अन्यअ महिलाओं के लिए भी प्रेरणा स्त्रोत बन गई हैं।कटनी ज़िले के सनकुई गाँव की निवासी सरोज का परिवार सिर्फ़ 1 से 1.5 एकड़ ज़मीन पर खेती करके गुज़ारा करता था।सरोज ने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने का निश्चरय किया। उन्होंाने अपने गाँव के जागृति स्व-सहायता समूह से जुड़कर अपनी आर्थिक यात्रा शुरू की। उन्होंने समूह से 50 हजार का ऋण लिया और फिर बैंक से 1 लाख रूपये का कैश क्रेडिट लिमिट प्राप्त किया। इस पूंजी से उन्होंने एक छोटी किराना और कपड़े की दुकान खोली।
अपने व्यवसाय के साथ-साथ, सरोज ने अतिरिक्त आय के लिए समूह के माध्यम से धान उपार्जन केंद्र और स्कूल में मध्याह्न भोजन का संचालन भी शुरू किया। जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर हुई। इसके अलावा, उन्होंने अपनी ज़मीन पर वैज्ञानिक तरीक़े से खेती करना शुरू किया जिससे कृषि उपज में वृद्धि हुई।
कड़ी मेहनत और लगन की वजह से वर्तमान में सरोज हर महीने लगभग 17 हजार की आय अर्जित कर रहीं हैं, जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में ज़बरदस्त सुधार आया है। अब वह अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा और जीवनशैली दे पा रही हैं। इस सफलता की वजह से, उन्हें अब उनके समूह में ‘लखपति दीदी’ के नाम से जाना जाता है।




