सिहोरा जिला आंदोलन उफान पर — पूर्व RSS प्रचारक का अन्न सत्याग्रह शुरू, 9 दिसंबर से अन्न–जल त्याग की चेतावनी धरना स्थल पर जनसैलाब, सभी समाजों की भागीदारी — प्रशासन पर बढ़ा दबाव
कलयुग की कलम से राकेश यादव

सिहोरा जिला आंदोलन उफान पर — पूर्व RSS प्रचारक का अन्न सत्याग्रह शुरू, 9 दिसंबर से अन्न–जल त्याग की चेतावनी धरना स्थल पर जनसैलाब, सभी समाजों की भागीदारी — प्रशासन पर बढ़ा दबाव
कल की कलम सिहोरा – जिले की मांग अब पूरी ताकत के साथ निर्णायक मोड़ पर पहुँच चुकी है। शनिवार को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्व प्रचारक प्रमोद साहू द्वारा अन्न त्याग कर अन्न सत्याग्रह की शुरुआत के साथ आंदोलन और भी तीव्र हो गया। इससे पूर्व काल भैरव चौक मंदिर में सद्बुद्धि यज्ञ का आयोजन हुआ, जिसमें सैकड़ों नागरिकों ने शामिल होकर शासन–प्रशासन को जल्द निर्णय लेने की कामना की।
दूसरी ओर पुराने बस स्टैंड स्थित धरना स्थल पर चौथे दिन भी क्रमिक भूख हड़ताल जारी रही। खास बात यह रही कि मुस्लिम समाज ने खुलकर समर्थन जताते हुए आंदोलन में बैठे, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि सिहोरा जिला आंदोलन अब किसी एक समुदाय या वर्ग तक सीमित नहीं, बल्कि संपूर्ण सिहोरा की एक सामूहिक जनआवाज बन चुका है।
जनता का स्पष्ट आरोप है कि सरकार लगातार सिहोरा की उपेक्षा कर रही है और अब निर्णय न होने पर आक्रोश तेज़ी से उभर रहा है। आंदोलनकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा—“यदि मांग पूरी नहीं हुई तो 9 दिसंबर से अन्न के साथ जल त्याग कर आमरण सत्याग्रह किया जाएगा।”
जनता का यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सिहोरा को जिला बनाने की घोषणा नहीं होती।धरना स्थल पर बढ़ती भीड़, सभी समाजों की भागीदारी और तेज होती नारेबाजी ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। आंदोलन अब सिर्फ मांग नहीं, सम्मान का प्रश्न बन चुका है।
क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे प्रमुख लोग
नासिर खान, गुड्डू कुरैशी, यार मुहम्मद, नजीम मंसूरी, साजिद अंसारी, मंसूर मंसूरी, मोहम्मद हसन, मौलाना मुहम्मद यूसुफ, बकरीदी अंसारी, जानी मंसूरी, मोहम्मद शाह, नवाब कुरैशी, महमूद खान, गुड्डा पठान, हाफिज अजहर, असपाक खान, मो उवैस, अनीस भाई, सकील भाई, नसीम उल्हक, शेख मुबारक। सिहोरा की जनता अब निर्णायक लड़ाई में उतर चुकी है—नजरें शासन के अगले कदम पर टिक गई हैं।




