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कटनी जिले के स्लीमनाबाद थाना क्षेत्र में हुए ‘पेशाब कांड’ में सबूत की तलाश जारी, पुलिस पर उठे सवाल ब्राह्मण समाज ने दी चेतावनी

कलयुग कलम से रामेश्वर त्रिपाठी

कटनी- मध्यप्रदेश के कटनी जिले के स्लीमनाबाद से लगभग सात किलोमीटर दूर स्थित ग्राम मटवारा में हाल ही में हुए कथित ‘पेशाब कांड’ मामले में अब विवाद एक नई दिशा लेता दिख रहा है। जिस घटना को लेकर पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा था, अब वही मामला सबूतों के अभाव में कमजोर पड़ता नजर आ रहा है। फरियादी द्वारा कोई ठोस साक्ष्य न पेश कर पाने के कारण पुलिस अब जनता से सहयोग मांग रही है। वहीं, गांव के पुराने विवाद और पंचायत स्तर की रंजिशें भी इस प्रकरण में सामने आ रही हैं।

फरियादी नहीं दे पाया साक्ष्य, पुलिस की जांच सवालों के घेरे में

घटना के बाद पुलिस प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की थी। लेकिन जब मौके पर पड़ताल की गई तो न तो कोई प्रत्यक्षदर्शी मिला और न ही कोई भौतिक प्रमाण। कथित पीड़ित पक्ष ने जो आरोप लगाए थे, उन्हें सिद्ध करने के लिए कोई ठोस प्रमाण या वीडियो फुटेज भी नहीं मिला। पुलिस सूत्रों के अनुसार, शिकायतकर्ता बार-बार बयान बदल रहा है। जांच टीम ने कई बार घटनास्थल का निरीक्षण किया, परंतु कोई विश्वसनीय साक्ष्य नहीं मिला। इस बीच स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पूरा मामला आपसी रंजिश का परिणाम है। पंचायत चुनावों और निर्माण कार्यों को लेकर गांव में पहले से ही मतभेद चल रहे थे। ऐसे में किसी एक पक्ष द्वारा झूठी कहानी गढ़कर दूसरे को फंसाने की कोशिश भी हो सकती है।

ब्राह्मण समाज ने जताई नाराजगी “जब सबूत नहीं तो एफआईआर क्यों?

मामले ने तब और तूल पकड़ लिया जब ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधियों ने खुलकर इस प्रकरण पर सवाल उठाए। समाज के लोगों का कहना है कि जब कोई प्रमाण ही मौजूद नहीं हैं, तो फिर पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में इतनी जल्दबाजी क्यों की?स्थानीय ब्राह्मण समाज के वरिष्ठ सदस्यों ने शनिवार को स्लीमनाबाद थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी। उनका कहना है कि अगर पुलिस बिना सबूत किसी निर्दोष को फंसाने की कोशिश करती है, तो “ब्राह्मण समाज अब चूड़ियां नहीं पहने बैठा रहेगा।” उन्होंने कहा “अगर जातिवाद हावी हुआ तो ईंट से ईंट बजा देंगे। हम न्याय की मांग कर रहे हैं, किसी जाति विशेष को नीचा दिखाने की नहीं।”

थाना प्रभारी पर उठे संदेह

इस पूरे मामले में थाना प्रभारी स्लीमनाबाद पर भी सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने मामले को राजनीतिक दबाव में आकर दर्ज किया और निष्पक्ष जांच नहीं की। कुछ लोगों ने तो यहां तक कहा कि थाना प्रभारी ने केवल एक पक्ष की बात सुनी और दूसरे पक्ष को अपना पक्ष रखने का पर्याप्त मौका नहीं दिया। ब्राह्मण समाज के प्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि थाना प्रभारी की भूमिका की भी जांच कराई जाए। उनका कहना है कि निष्पक्ष जांच तभी संभव है जब अधिकारी पर किसी तरह का दबाव न हो।

पंचायत में पुरानी रंजिशें आईं सामने

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि मटवारा पंचायत में बीते वर्षों से कई निर्माण कार्यों को लेकर विवाद चल रहा है। पंचायत भवन के निर्माण, नाली और सड़क कार्यों को लेकर गांव के दो गुटों में मनमुटाव लंबे समय से चला आ रहा है। सूत्रों के अनुसार, पंचायत की 2012 से 2023 तक की अवधि में करीब 26 शिकायतें विभिन्न निर्माण कार्यों को लेकर दर्ज हो चुकी हैं। यही नहीं, एक पक्ष ने 13 अक्टूबर को और दूसरे पक्ष ने 16 अक्टूबर को अलग-अलग रिपोर्टें दर्ज कराई थीं। यह स्पष्ट संकेत देता है कि गांव में पुराना विवाद गहराई से मौजूद है।

गांव में तनाव, प्रशासन सतर्क

घटना के बाद गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है। हालांकि पुलिस ने किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए क्षेत्र में अतिरिक्त बल तैनात कर दिया है। अधिकारी लगातार गांव का दौरा कर स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।एसडीओपी स्लीमनाबाद ने बताया कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष की जा रही है। फिलहाल कोई ठोस साक्ष्य सामने नहीं आया है। दोनों पक्षों से पूछताछ जारी है और आवश्यकतानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

जनता से साक्ष्य की अपील

थाना प्रभारी ने जनता से अपील की है कि यदि किसी के पास इस घटना से संबंधित कोई वीडियो, फोटो या अन्य सबूत हो, तो वह पुलिस को सौंपे। प्रशासन का कहना है कि अफवाहों से बचें और जांच में सहयोग करें।

एफआईआर में पुराने विवाद भी शामिल

मामले की जांच के दौरान यह बात सामने आई है कि एफआईआर में केवल हालिया विवाद ही नहीं, बल्कि पुराने पंचायत झगड़ों का भी उल्लेख किया गया है। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, भारतीय दंड संहिता की धाराओं 294, 115(2), 341, 354, 506, 34 आदि के तहत मामला दर्ज किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह धाराएँ गंभीर अपराधों से संबंधित हैं, लेकिन अगर साक्ष्य नहीं मिले तो मामला न्यायालय में कमजोर पड़ सकता है।

ब्राह्मण समाज की सभा और प्रस्तावित आंदोलन

शनिवार को कटनी जिले के विभिन्न इलाकों से पहुंचे ब्राह्मण समाज के लोगों ने एकत्र होकर इस घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि समाज किसी भी निर्दोष व्यक्ति के साथ अन्याय नहीं होने देगा। सभा में यह भी निर्णय लिया गया कि यदि जांच निष्पक्ष नहीं हुई या जातिगत भेदभाव का माहौल बना, तो जिला मुख्यालय पर विशाल प्रदर्शन किया जाएगा। समाज के नेताओं ने कहा कि वे जल्द ही कलेक्टर और एसपी को ज्ञापन सौंपेंगे।

प्रशासन की दोहरी चुनौती

एक ओर पुलिस पर निष्पक्ष जांच का दबाव है, वहीं दूसरी ओर गांव में बढ़ते तनाव को नियंत्रित करना भी चुनौती बना हुआ है। पंचायत स्तर के विवादों को लेकर पहले भी प्रशासन कई बार पंचायतें बुला चुका है, लेकिन स्थायी समाधान नहीं निकल सका। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के विवादों का स्थायी समाधान तभी संभव है जब पंचायत, पुलिस और प्रशासन मिलकर सामूहिक रूप से संवाद स्थापित करें और राजनीति या जातिवाद को बीच में न आने दें।

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