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रामबाई कोल को मिला कारण बताओ नोटिस, “बी.ई.ओ. के नौकर हैं जो फोन उठाए ऐसी अभद्र भाषा का किया उपयोग होना चाहिए निलंबन की कार्यवाही जनपद शिक्षा केंद्र ढीमरखेड़ा का मामला

कलयुग की कलम से सोनू त्रिपाठी की रिपोर्ट

कटनी/ढीमरखेड़ा- भारत की शिक्षा व्यवस्था में प्राथमिक विद्यालय सबसे अहम भूमिका निभाते हैं। यहाँ बच्चे शिक्षा की पहली सीढ़ी चढ़ते हैं। ऐसे में शिक्षकों की भूमिका केवल पढ़ाने तक सीमित नहीं रहती बल्कि वे समाज के आदर्श और अनुकरणीय नागरिक भी माने जाते हैं। शिक्षकों के आचरण, व्यवहार और कार्यप्रणाली पर न केवल शिक्षा विभाग बल्कि पूरा समाज दृष्टि रखता है। इसी कारण शासकीय सेवाओं में अनुशासन, उत्तरदायित्व और शिष्टाचार अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। जब कोई शिक्षक अपने कर्तव्य का निर्वहन नहीं करता या वरिष्ठ अधिकारियों अथवा विभागीय तंत्र के प्रति असम्मानजनक रवैया अपनाता है, तो यह पूरे सिस्टम की छवि को प्रभावित करता है। श्रीमति रामबाई कोल के खिलाफ जारी यह कारण बताओ सूचना पत्र इसी अनुशासनात्मक प्रक्रिया का हिस्सा है। यह न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि संपूर्ण शिक्षा व्यवस्था के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण विषय है।जनशिक्षक, संकुल केन्द्र पहरूआ द्वारा दोपहर 2:22 बजे विद्यालय निरीक्षण हेतु पहुँचे। निरीक्षण में पाया गया कि शासकीय प्राथमिक शाला खम्हरिया उस समय बंद थी। विद्यालय बंद रहने की सूचना तत्पश्चात उच्चाधिकारियों तक पहुँची।दिनांक 12.08.2025 स्थानीय समाचार पत्र में यह खबर प्रकाशित हुई कि विद्यालय 08 अगस्त को बंद पाया गया। इससे शिक्षा विभाग और समाज दोनों में नकारात्मक संदेश गया। इसी दिन जन शिक्षा केन्द्र पहरूआ के व्हाट्सएप ग्रुप में श्रीमती रामबाई कोल द्वारा लिखी गई टिप्पणी संलग्न हुई। इसमें उन्होंने वरिष्ठ अधिकारी (बी.ई.ओ.) के लिए कहा कि “बी.ई.ओ. के नौकर हैं, फोन उठाए।” यह टिप्पणी समूह के सभी सदस्यों द्वारा देखी गई। विभागीय दृष्टि से यह अशोभनीय और असम्मानजनक पाई गई। इसके बाद प्राचार्य शा.उ.मा.वि. पहरूआ ने अपने पृष्ठांकन क्रमांक /5682/स्पष्टीकरण/2025 दिनांक 13.08.2025 के माध्यम से संपूर्ण प्रकरण रिपोर्ट सहित अग्रेषित किया।

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