मध्यप्रदेशराजनीति

सिहोरा जिला मुद्दे पर नेताओं पर सोशल मीडिया में गुस्सा भाजपा नेताओं की हर पोस्ट पर सिहोरा वासी निकाल रहे भड़ास

कलयुग की कलम से राकेश यादव

सिहोरा जिला मुद्दे पर नेताओं पर सोशल मीडिया में गुस्सा भाजपा नेताओं की हर पोस्ट पर सिहोरा वासी निकाल रहे भड़ास

कलयुग की कलम सिहोरा -सिहोरा को जिला बनाए जाने की मांग वर्ष 2021 से लगातार उठ रही है। उस समय लोगों को आशा थी कि शिवराज सरकार इस मांग पर निर्णय लेगी। लेकिन कई बार आश्वासन मिलने के बाद भी अब तक सिहोरा को जिला घोषित नहीं किया गया। विधानसभा चुनाव से पहले जनता को भरोसा दिलाया गया, पर चुनाव गुजरते ही मामला ठंडे बस्ते में चला गया।

अब भाजपा विधायक को दो वर्ष पूरे होने को हैं, बावजूद इसके जिले की मांग पर न विधायक, न सांसद और न ही मुख्यमंत्री की ओर से कोई पहल सामने आई है। यही कारण है कि नाराज सिहोरा वासी अब सोशल मीडिया के जरिये खुलकर नेताओं पर निशाना साध रहे हैं।

नेताओं की पोस्ट पर तंज

स्थानीय भाजपा नेताओं द्वारा जब-जब बड़े नेताओं के साथ तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा की जाती हैं, तब-तब सैकड़ों की संख्या में नाराजगी भरे कमेंट्स आने लगे हैं। हाल ही में जबलपुर में बने ओवरब्रिज का उद्घाटन नेताओं ने पोस्ट किया, तो लोगों ने खितौला रेलवे फाटक पर अधूरे ओवरब्रिज का मुद्दा उठाकर उन्हें घेरा। इसी तरह सिहोरा रेलवे स्टेशन पर ट्रेनों के ठहराव की समस्या को लेकर भी नेताओं को लगातार घेरा जा रहा है।

शंख-घंटा बजाकर विरोध

कुछ समय पहले आक्रोशित लोगों ने स्थानीय नेताओं के घरों के बाहर शंख और घंटा बजाकर विरोध जताया था। जनता का आरोप है कि नेताओं की सोच केवल अपने व्यापार और व्यक्तिगत लाभ तक सीमित है, जिसके कारण सिहोरा लगातार उपेक्षित है।

मुख्यमंत्री के दौरे पर सवाल

कटनी से लौटते समय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बहोरीबंद विधायक प्रणय पांडे के निवास पर सिहोरा में ठहरे थे। वहां स्थानीय नेताओं ने उनका भव्य स्वागत किया और तस्वीरें सोशल मीडिया पर डालीं। लेकिन सिहोरा वासियों ने सीधा सवाल दाग दिया – “क्या आपने मुख्यमंत्री से सिहोरा जिला बनाने की बात की?” इसका जवाब अब तक किसी नेता ने नहीं दिया।

जनता की निगाहें

सोशल मीडिया पर हो रही लगातार टिप्पणियों से साफ हो गया है कि अब सिहोरा वासी चुप रहने वाले नहीं हैं। जनता ने नेताओं की गतिविधियों पर पैनी नजर रखना शुरू कर दिया है। लोग क्षेत्रहित के मुद्दों को प्राथमिकता से उठा रहे हैं और यह संकेत दे रहे हैं कि यदि जल्द ठोस पहल नहीं की गई तो इसका खामियाजा नेताओं को भुगतना पड़ सकता है।

अब देखना होगा कि स्थानीय नेता, विधायक और सांसद सिहोरा वासियों की इस नाराजगी को कब गंभीरता से लेते हैं और जिले की मांग पर ठोस कदम बढ़ाते हैं।

Related Articles

Back to top button