मध्यप्रदेश

बिना चढ़ोत्तरी के नहीं होता कोई काम, बीईओ ऑफिस ढीमरखेड़ा का मामला बाबू अखिलेश त्रिपाठी अंगद के पैर की तरह जमे नहीं हों रहा स्थानांतरण नियम अनुसार 3 वर्ष के बाद स्थानांतरण होने का प्रावधान है यहां तो नाम किसी और का और काम बाबू अखिलेश त्रिपाठी का 

कलयुग की कलम से राकेश यादव

बिना चढ़ोत्तरी के नहीं होता कोई काम, बीईओ ऑफिस ढीमरखेड़ा का मामला बाबू अखिलेश त्रिपाठी अंगद के पैर की तरह जमे नहीं हों रहा स्थानांतरण नियम अनुसार 3 वर्ष के बाद स्थानांतरण होने का प्रावधान है यहां तो नाम किसी और का और काम बाबू अखिलेश त्रिपाठी का 

कलयुग की कलम कटनी-लंबे समय से पदस्थ ढीमरखेड़ा बीईओ ऑफिस में बाबू अखिलेश त्रिपाठी होने के कारण विभाग की गोपनीय बातों को जानकर विभाग के अंदर जमकर मलाई काट रहे हैं ऐसा सूत्रों के द्वारा बताया गया। शासन के नियमानुसार 3 वर्ष से अधिक समय होने के बाद स्थानांतरण का प्रावधान हैं लेकिन ऐसा जान पड़ता हैं जैसे बाबूओं के लिए कोई नियम ही नहीं हैं। एक बार पदस्थ होने के बाद अपनी कुर्सी छोड़ी ही नहीं जाती। विदित हों कि विभागीय कामों में बाबूओं का अहम रोल होता हैं। फाइल भी इन्ही की मेहरबानी से उच्च – अधिकारियों तक पहुंचती हैं और अगर उसमें लक्ष्मी का वजन ना हो तो फाइल भी साहब की मेहरबानी से अधिकारियों तक नहीं पहुंच पाती हैं। अगर इसी तरह का कार्य बीईओ ऑफिस मे चलता रहा तो शांत और सीधे – साधे लोग शिकार होते रहेंगे।

*बीईओ ऑफिस में बिना लक्ष्मी के नहीं बढ़ती फाइल*

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बीईओ ऑफिस ढीमरखेड़ा में पदस्थ बाबू अखिलेश त्रिपाठी द्वारा बिना रिश्वत के काम नहीं किया जाता। कुछ कर्मचारियों के द्वारा बताया गया कि बाबू अखिलेश त्रिपाठी द्वारा बिना रिश्वत के कोई भी काम नहीं किया जाता हैं और बीईओ ऑफिस में कोई भी कार्य कराने आता है तो उसको पैसा देना पड़ता हैं ऐसा सूत्रों के द्वारा बताया गया। आगे सूत्रों ने यह भी बताया कि बाबू अखिलेश त्रिपाठी के द्वारा विभिन्न प्रकरणों में जमकर लेन – देन किया जाता हैं और जो कर्मचारी बाबू अखिलेश त्रिपाठी को रिश्वत नहीं देता तो उनके प्रकरणों का निपटारा नहीं किया जाता हैं और बाबू अखिलेश त्रिपाठी के द्वारा नियमों की झड़ी लगा दी जाती हैं जिससे परेशान होकर संबंधित कर्मचारी रिश्वत देने के लिए मजबूर हों जाता हैं।

*कई चुनाव हुए लेकिन नहीं हुआ स्थानांतरण*

सूत्रों ने बताया कि बाबू अखिलेश त्रिपाठी की पदस्थापना बीईओ ऑफिस ढीमरखेड़ा में हुई थीं तब से यहां लम्बे अरसे से बाबू अखिलेश त्रिपाठी यही पदस्थ हैं। इस बीच चुनाव आयोग द्वारा कई चुनाव संपन्न करवाये गए और हर चुनाव के पहले इस संबंध में संबंधित विभाग प्रमुख से यह जानकारी मांगी जाती हैं कि कोई भी कर्मचारी या अधिकारी तीन वर्ष से ज्यादा समय से एक ही स्थान पर पदस्थ हों तो इस संबंध में अवगत कराकर उसे अन्यंत्र पदस्थ किया जावे स्मरण रहे कि बाबू अखिलेश त्रिपाठी लंबे समय से एक स्थान पर पदस्थ बाबू अखिलेश त्रिपाठी को अन्यंत्र पदस्थ क्यों नहीं किया जाता हैं क्या इस संबंध में विभाग प्रमुख द्वारा यह जानकारी छिपाई जाती हैं कि लंबे समय से यहां पर पदस्थ हैं या फिर चुनाव आयोग को भी अंधेरे में रखा जाता हैं।

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