मध्यप्रदेश

कटनी जिले के ढीमरखेड़ा विकासखंड में उन्नत नस्लों की भैंसों का दूध पशुपालक बहनों के परिवारों की आजीविका का बना सहारा, शासन, प्रशासन का जता रहीं धन्यवाद

कलयुग की कलम से सोनू त्रिपाठी

ढीमरखेड़ा- कटनी जिले के सुदूर विकासखंड जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा के आदिवासी बाहुल्य गांवों के आर्थिक उन्नयन और आत्म निर्भर बनाने हेतु प्रारंभ की गई पशुपालन गतिविधियों के तहत 13 गांव के 24 समूह के सदस्यों को उन्नत नस्ल की 94 ग्रेडेड मुर्रा भैंसे प्रदान किए जाने के फलस्वरूप दुग्ध उत्पादन और बिक्री से होने वाली आय के सार्थक, सुखद और सकारात्मक परिणाम देखने में आने लगे हैं। स्व सहायता समूह की महिलाओं के जीवन यापन में आर्थिक समृद्धि और सम्पन्नता के कारण आश्रित परिवारों में लक्ष्मी स्वरूपा खुशहाली का सुखद आगमन हो चुका है। ग्राम डहुली की राशि स्व सहायता समूह की सदस्य निर्मला पति गोपाल, खंदवारा की शारदा समूह की सदस्य गुड्डी बाई पति राजू और शिवानी समूह की शांति बाई पति विष्णु खुश होकर बताती है कि उन्हें उन्नत नस्ल की ग्रेडेड मुर्रा भैंसे प्राप्त होने से एक टाइम में 03 से 04 लीटर और दोनों टाइम में 06 से 08 लीटर तक दूध का उत्पादन होता है। उत्पादित दुग्ध को स्थानीय समिति के माध्यम से 40 से ₹50 लीटर स्थानीय स्तर पर विक्रय कर देते हैं एवं बचे हुए दूध का उपयोग खोवा और शुद्ध घी बनाने में कर लेती हैं । आगे बताती हैं कि दूध और उससे निर्मित सामग्रियों को बेचकर उन्हें 400 से ₹500 तक की प्रतिदिन की आय हो जाती है । इस गतिविधि से अतिरिक्त आमदनी होने से वे स्वयं आत्मनिर्भर हो गई है । बच्चों की फीस और सब्जी जैसे छोटे-छोटे खर्चों के लिए परिवार के अन्य सदस्यों से मांगना नहीं पड़ता है।

ऐसी है योजना

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वाटरशेड विकास 2.0 एवं ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत चयनित ग्रामों में गठित समूहों के आर्थिक उन्नयन हेतु ग्रेडेड मुर्रा भैंस पालन हेतु स्व सहायता समूहों से चर्चा उपरांत प्रस्ताव तैयार किया जाकर वाटर शेड समिति के अध्यक्ष एवं सहायता समूह के अध्यक्षों द्वारा संयुक्त रूप से अनुबंध निष्पादित किया गया। समूह के सदस्यों के साथ बैठक की जाकर भैंस पालन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी गई और बताया गया कि ब्याज रहित ऋण के रूप में राशि उपलब्ध कराई जाएगी और लगभग 3334 रुपए प्रति माह ,24 माह की मासिक किस्तों में संकुल स्तरीय संगठनों को 80,000 रुपए राशि वापस करना होगी।

पशु चिकित्सकों और हितग्राहियों की मौजूदगी में तीन दिन तक हुई दूध दुहने की प्रक्रिया

आपको बता दें कि जनपद पंचायत में पदस्थ पशु चिकित्सकों एवं हितग्राहियों की उपस्थिति में ग्रेडेड मुर्रा भैंसों के दूध दुहने की प्रक्रिया तीन दिन तक सुबह-शाम की गई ताकि अपनी स्वे्च्छा एवं पसंद के अनुसार हितग्राही भैंसों को अपने घर ले जा सके।

संतुष्टि प्रमाण पत्र के बाद सौंपी गई भैंसे

उल्लेखनीय हैं की स्व सहायता समूह की सदस्यों अर्थात पशुधन मालिकों द्वारा स्वयं के द्वारा चयनित की गई भैंस से संतुष्ट होकर संतुष्टि प्रमाण पत्र दिए एवं इसके उपरांत उन्नत नस्ल की भैंस सौंपी जाने के बाद अपने घर ले जाई गई ।

पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम के माध्यम से आईं भैंसे

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की परियोजना प्रबंधक शबाना बेगम ने बताया कि पशुपालन विभाग कटनी के समन्वय से म0प्र0 राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम सुल्तानाबाद भोपाल के द्वारा निरंतर रूप से पशुधन मेले का आयोजन कर स्व सहायता समूहों की सदस्यों को ग्रेडेड मुर्रा भैंसे उपलब्ध कराई जा रही है। अभी तक चरणबद्ध रूप से जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा के 13 ग्रामों क्रमश: खंदवारा, खिरवा, झिन्ना, डहुली, देहरी, धरवारा, पौंडीखुर्द, पौंडीकलॉ बी , बिछुआ, भटगवॉ, भमका, भसेडा, सलैया में 24 समूहों के सदस्यों को 94 भैंस प्रदान की जा चुकी हैं। जबकि आदिवासी समूह के सदस्यों और परिवारों के उन्नयन हेतु 251 सदस्यों को क्रमबद्ध रूप से 279 भैंस दी जाना है। योजना का क्रियान्वयन जिला स्तरीय वाटरशेड विकास सलाहकार समिति के निर्णय के अनुसार दुग्ध पालन गतिविधि का चयन किए जाने के उपरांत किया जा रहा है।

शासन, प्रशासन का जताया धन्यवाद और आभार

अच्छी खासी आय होने और स्वयं का रोजगार होने से आर्थिक संपन्नता के कारण स्व सहायता समूह के पशुधन मालिकों ने इसके लिए शासन प्रशासन का धन्यवाद और आभार जताते हुए कृतज्ञता व्यक्त की है।

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