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नवीनीकरण नहीं कराने पर जबलपुर सीएमएचओ की कार्रवाई, शहर के पांच अस्पताल किए ब्लैक लिस्ट, रजिस्ट्रेशन भी किया रद्द, नए मरीजों को भर्ती करने पर भी लगाई रोक

कलयुग की कलम से रामेश्वर त्रिपाठी की रिपोर्ट

जबलपुर – अस्पताल संचालन के लिए आवश्यक दस्तावेज नहीं होने और नवीन पंजीयन नहीं कराने के कारण सोमवार को शहर के पांच अस्पतालों को ब्लैक लिस्टेड करते हुए उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। सीएमएचओ ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि ये पांचों अस्पताल नए मरीजों को भर्ती नहीं करेंगे। पहले से भर्ती मरीजों को समुचित इलाज देने के बाद डिस्चार्ज करेंगे।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने 5 निजी अस्पतालों का रजिस्ट्रेशन समाप्त कर दिया है। इनमें आदित्य हॉस्पिटल, आकांक्षा हॉस्पिटल, ग्रोवर हॉस्पिटल, श्रीरावतपुरा हॉस्पिटल और स्मार्ट सिटी हॉस्पिटल शामिल हैं। सीएमएचओ कार्यालय के आदेश में मप्र रूजोपचार्य गृह तथा रूजोपचार संबंधी स्थापनाएं अधिनियम 1973 एवं नियम 1997 की धारा 6(2) के अंतर्गत अलग-अलग कारणों से रजिस्ट्रेशन समाप्त करने की कार्रवाई की है। इसके साथ ही इन अस्पतालों में नए मरीजों की भर्ती पर रोक लगा दी है। पहले से भर्ती मरीजों को स्वास्थ्य लाभ देकर डिस्चार्ज करके उसकी सूचना सीएमएचओ कार्यालय को तत्काल देने के निर्देश दिए हैं।

शहर में दमोहनाका के पास लाइफ मेडीसिटी हॉस्पिटल में बड़ा अग्नि हादसा हो चुका है। इसमें मरीजों सहित अन्य लोगों की मौत हो गई थी। जांच में यह सामने आया कि था कि फायर सेफ्टी को नजरअंदाज किया गया था। आने-जाने का रास्ता या आकस्मिक डोर नहीं था। इससे आग लगने के दौरान मरीज और उनके रिश्तेदार, परिचित बचाव में बाहर नहीं निकल सके थे। उधर, अस्पताल में एक्रेलिक शीट होने से आग ने प्रचंड रूप ले लिया था। इस अग्निकांड में तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. रत्नेश कुररिया को जांच के दायरे में लेकर उनका तबादला कर दिया था। शहर के अन्य निजी अस्पतालों की सूची तैयार कर उनके दस्तावेजों सहित वर्तमान स्थिति की जांच की गई थी। इसमें कई अस्पताल सुरक्षा के मापदंड पर खरे नहीं उतरे थे, जिन्हें नोटिस दिया गया था। अन्य मामले में संस्कार अस्पताल के लायसेंस नहीं होने की वजह से उस पर कार्रवाई की गई थी।

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