मध्यप्रदेशराजनीति

इंडी गठबंधन को मध्यप्रदेश में लगा बड़ा झटका, एक मात्र सीट खजुराहो पर सपा प्रत्याशी मीरा दीपक यादव का नामांकन निरस्त

कलयुग की कलम से रामेश्वर त्रिपाठी की रिपोर्ट

भोपाल- इंडी गठबंधन को मध्यप्रदेश में शुक्रवार को बड़ा झटका लगा। गठबंधन के तहत खजुराहो सीट पर उतारी गईं सपा प्रत्याशी मीरा दीपक यादव का नामांकन निरस्त कर दिया गया । खजुराहो सीट कांग्रेस ने गठबंधन के तहत सपा प्रत्याशी के लिए छोड़ी थी और वहां पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था। ऐसे में सपा और कांग्रेस इस सीट पर सीधे सीधे हिटविकेट हो गए हैं। बता दें कि खजुराहो लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा चुनावी मैदान में हैं।

नामांकन रद्द होने की वजह

सपा प्रत्याशी मीरा दीपक यादव का नामांकन निरस्त होने की अभी आधिकारिक वजह सामने नहीं आई है। मीरा यादव के पति और पूर्व विधायक दीपनारायण यादव ने बताया कि हमारा फॉर्म निरस्त कर दिया गया है। फॉर्म में दो कमी बताई गई हैं। पहली वोटर लिस्ट की, जो सर्टिफाइड कॉपी लगी है वह पुरानी है। दूसरी कमी में दो जगह साइन की बजाय एक ही जगह साइन है। अब हम हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और निर्वाचन आयोग जाएंगे।

वीडी के सामने अब कौन-कौन ?

सबसे बड़ा सवाल ये है कि सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त होने के बाद अब वीडी शर्मा को चुनावी मैदान में चुनौती कौन देगा? बता दें खजुराहो लोकसभा सीट पर 26 अप्रैल को मतदान होना है और यहां 4 अप्रैल को नामांकन का आखिरी दिन था। अंतिम तिथि तक जिला निर्वाचन कार्यालय में खजुराहो सीट के लिए 19 अभ्यर्थियों ने नामांकन जमा किए थे। इसमें भाजपा प्रत्याशी विष्णुदत्त शर्मा, समाजवादी पार्टी से मीरा यादव, राष्ट्रीय जनसंचार दल से केशकली, पीपल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) से नंदकिशोर, राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी (राजपा) से मोहम्मद इमरान द्वारा नामांकन पत्र दाखिल किए गए, जबकि बतौर निर्दलीय अभ्यर्थी फिरोज खान, मनसुख लाल कुशवाहा, जय सींग, बिटइया अहिरवार, विपिन दुबे, अवनीश तिवारी ने नामांकन दाखिल किया था। जिनमें से मीरा यादव का नामांकन रद्द हो चुका है।

अब शुरु होगा जोड़-तोड़ ?

माना जा रहा है कि सपा प्रत्याशी मीरा दीपक यादव का नामांकन निरस्त होने के बाद अब खजुराहो लोकसभा सीट पर जोड़-तोड़ शुरू हो सकता है। एक तरफ कांग्रेस जहां किसी निर्दलीय प्रत्याशी को अपना समर्थन दे सकती है तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा है जो कि निर्दलीय प्रत्याशियों को चुनावी मैदान से हटाने और नाम वापसी के लिए प्रयास कर सकती है।

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