अतिक्रमण के नाम पर पहले बुजुर्ग को हटाया अब उसी जगह पर डॉ.पटेल धड़ल्ले से करवा रहा निर्माण ढीमरखेड़ा तहसील से चंद कदमों की दूरी पर हो रहा शासकीय भूमि पर निर्माण, जिम्मेदार जानकर भी बने अनजान अतिक्रमणकारी को तहसीलदार, आरआई, पटवारी का खुला संरक्षण
कलयुग की कलम से राकेश यादव

अतिक्रमण के नाम पर पहले बुजुर्ग को हटाया अब उसी जगह पर डॉ.पटेल धड़ल्ले से करवा रहा निर्माण ढीमरखेड़ा तहसील से चंद कदमों की दूरी पर हो रहा शासकीय भूमि पर निर्माण, जिम्मेदार जानकर भी बने अनजान अतिक्रमणकारी को तहसीलदार, आरआई, पटवारी का खुला संरक्षण
कलयुग की कलम ढीमरखेड़ा-राजस्व विभाग के सिस्टम की पोल खोलता यह कारनामा पहले अतिक्रमणकारी बुजुर्ग को हटाया और अब उसी जगह तहसील मुख्यालय से चंद्र कदमों की दूरी पर पक्के मकान का हो गया धड़ल्ले से नर्माण वर्तमान में ढीमरखेड़ा तहसीलदार, आरआई और हल्का पटवारी मिलकर जिस कार्य को अंजाम दे रहे है इससे और शर्मनाक बात राजस्व विभाग के लिये नहीं हो सकती है। तहसीलदार के द्वारा पहले तो अतिक्रमण के नाम पर 80 वर्षीय बुजुर्ग का आशियाना उजाड़ा गया और उसे यह बताया गया कि तुमने शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया गया लेकिन अतिक्रमण हटने के कुछ ही दिनों पश्चात उसी स्थान पर रणजीत पटेल के द्वारा पक्का मकान का निर्माण शुरू कर दिया गया।
पहले अतिक्रमण हटा

फिर उसी जगह पर तन गया मकान
यह सब राजस्व विभाग की सहमति से किया गया है। सवाल यह उठता है कि जिस स्थान से 80 वर्षीय बुजुर्ग को नियमों का हवाला देकर उसकी झोपड़ी उजाड़ दी गई, उसी स्थान पर डॉ. पटैल कैसे और किस अधिकार से यहां पर निर्माण कार्य करवा रहा है। तहसील से चंद कदमों की दूरी पर हो रहे अवैध निर्माण पर अधिकारियों की नजर नहीं पड़ रही है। गरीब और असहाय लोगों पर नियमों का तमगा दिखाने वाले इन अधिकारियों को यहां पर नियम कानून याद नहीं आ रहे हैं क्या?
उल्लेखनीय है कि तहसीलदार ढीमरखेड़ा के द्वारा दिनांक 24/12/2024 को बेदखली आदेश पारित करते हुये यह लेख किया गया कि शिवभक्त गर्ग पिता राधिका प्रसाद गर्ग निवासी ग्राम बरेली द्वारा ग्राम बरेली भूमि खसरा नम्बर 319 रकवा 3.65 के अंश भाग शासकीय भूमि पर कब्जा के संबंध में इस कार्यालय के प्रकरण कमांक 0227/1-68/2019-20 में पारित आदेश दिनांक 18/08/2023 को अनावेदक को बेदखल किये जाने का आदेश पारित किया गया है।

उक्त बेदखली आदेश के परिपालन में दिनांक 30/12/2024 को बेदखली हेतु नियत किया गया था। इसके साथ ही बेदखली आदेश का पालन करने के लिये तहसीलदार के द्वारा एक टीम का भी गठन किया गया जो इस प्रकार थी मोहन लाल साहू राजस्व निरीक्षण, दान सिंह प्रधान हल्का पटवारी, आनंद डेहरिया पटवारी , हरि प्रसाद यादव पटवारी, को शामिल किया गया था और इन सभी के द्वारा मिलकर 80 वर्षीय बुजुर्ग का आशियाना उजाड़ा गया।
हल्का पटवारी की भूमिका पर खड़े हो रहे सवाल
जिस तरह की संगामित्ती करके ढीमरखेड़ा तहसीलदार, आर.आई. मोहनलाल साहू, और हल्का पटवारी दान सिंह के द्वारा रणजीत पटेल से पहले अतिक्रमण की शिकायत करवाई गई और बाद में प्रकरण चलाकर वहां से अतिक्रमण अलग कर रणजीत पटेल को उक्त जमीन अवैध अतिक्रमण के लिये सौंप दी गई। राजस्व विभाग इस तरह से खुलेआम विधि विरूद्ध रूप से कार्यों को अंजाम दे रहा है इसकी बानगी ग्राम बरेली में डॉ. पटेल के द्वारा किये जा रहे शासकीय भूमि में हो रहे अतिक्रमण से समझी जा सकती है। चंद कदमों की दूरी पर हो रहा निर्माण कार्य इन अधिकारियों और कर्मचारियों की आंखों में नहीं दिखता है। हालांकि पर्दे की पीछे की कहानी क्या है यह बताने की जरूरत नहीं है। हल्का पटवारी आये दिन रणजीत पटेल के घर जाकर आगे की रणनीति बना रहा है।
छुट्टी के दिन हुआ लेंटर
अवैधानिक तरीके से चोरों की तरह शासकीय भूमि पर निर्माण कार्य किया जा रहा है। राजस्व विभाग की संगामित्ती होने से अधिकारियों के द्वारा अतिक्रमणकारी को छुट्टी के दिन लेंटर डालने की सलाह दी गई। जिस पर अमल करते हुये रणजीत पटेल के द्वारा अवकाश के दिन लेंटर डालने का कार्य किया गया है, उसके उपरांत लगातार दो-तीन का अवकाश था। यह ऐसा इसलिये किया गया कि यदि कोई व्यक्ति शिकायत भी करता है तो अवकाश होने के कारण शिकायत पर सुनवाई नहीं होगी और अतिक्रमणकारी अपने विधि विरूद्ध मंसूबों पर सफल हो जावेगा।
उमरियापान में पदस्थ रहते हुये चर्चित रहा पटवारी
खाईबाज और विवादित पटवारी दान सिंह कुछ समय पहले उमरियापान हल्का में भी पदस्थ था लेकिन उसके कारनामे यहां पर नहीं चल पाये। बंटवारा के एक प्रकरण में दूसरे पक्ष को लाभ पहुंचाया गया जिसके विरूद्ध दूसरे पक्ष ने वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष इनके कारनामे उजागर किये। जांच में यह भी पाया गया कि पटवारी के द्वारा अपने पद का दुरूपयोग कर दूसरे पक्ष को लाभ पहुंचाने की मंशा से ऐसा कार्य किया गया है लिहाजा पदीय कर्तव्यों के निर्वाहन में लापरवाही बरतने के कारण पटवारी दान सिंह को उमरियापान से हटाकर ढीमरखेड़ा भेजा गया था। यहां आते ही अधिकारियों के द्वारा खाईबाज पटवारी को तीन बड़े हल्कों का प्रभार सौंप दिया।
लगातार जारी है कार्य
ग्राम बरेली स्थित भूमि खसरा नम्बर 319 रकवा 3.65 के अंश भाग शासकीय भूमि पर नियम विरूद्ध तरीके से डॉ. पटेल के द्वारा धड़ेल्ले से निर्माण कार्य किया जा रहा है। इस बात की भनक राजस्व विभाग के अधिकारियों एवं हल्का पटवारी को भी है बावजूद इसके इनके द्वारा किसी तरह की कोई कार्यवाही अतिक्रमणकारी के विरूद्ध नहीं की गई। संरक्षण मिलने के कारण डॉ. पटेल के द्वारा लेंटर डालने के उपरांत दूसरी मंजिल का भी निर्माण कार्य जोरों से चालू कर दिया गया है।
इनका कहना है
पूर्व में यहां से अतिक्रमण हटाया गया था, यदि दूसरी व्यक्ति के द्वारा वहां पर कब्जा कर निर्माण कार्य किया गया होगा तो उसे भी तोड़ा जायेगा। इस संबंध में हल्का पटवारी को जांच के निर्देशित कर दिया गया है।
आशीष अग्रवाल तहसील ढीमरखेड़ा
तहसीलदार साहब के संज्ञान में उक्त मामला आया है। जांच उपरांत प्रतिवेदन अग्रिम कार्यवाही के लिये सौंपा जायेगा।




