मध्यप्रदेश

एमपी के जबलपुर में फर्जी वसीयत बनाकर जमीन का कर दिया नामांतरण, तहसीलदार सहित 7 पर मामला दर्ज, तहसीलदार गिरफ्तार

कलयुग की कलम से रामेश्वर त्रिपाठी की रिपोर्ट

जबलपुर- जमीन फर्जीवाड़े के मामले में जबलपुर जिले के अधारताल तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे को बुधवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। 54 साल पहले की फर्जी वसीयत पेश कर ढाई एकड़ बेशकीमती जमीन अपने ही ऑफिस के कप्यूटर ऑपरेटर के पिता के नाम कर दिया था। इस मामले में पटवारी, कप्यूटर ऑपरेटर उसके दो भाई और जमीन के एक क्रेता को भी नामजद किया गया है। हालांकि इनकी गिरफ्तारी अभी नहीं हुई है। इस मामले में हाईकोर्ट ने कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।

मामले की जांच की गई, तो पता चला कि उक्त जमीन तहसील कार्यालय में पदस्थ कप्यूटर ऑपरेटर दीपा दुबे ने तहसीलदार धुर्वे और पटवारी पिपरे के साथ मिलकर षडय़ंत्र रचा। महावीर के नाम की फर्जी वसीहत बनाई, जिसमें उन्होने पूरी जमीन का नामांतरण अपने पिता श्यामनारायण चौबे के नाम पर करा लिया। उस वक्त श्यामनारायण कलेक्ट्रेट कार्यालय में ड्राइवर के पद पर पदस्थ रहे। श्यामनारायण की मौत के बाद तहसीलदार कार्यालय से दीपा ने 26 जून 2024 को एक आदेश पारित कराया और जमीन अपने व अपने भाई रविशंकर और अजय के नाम पर दर्ज करा ली। दीपा ने बिना देर किए जमीन का सौदा किया। यह जमीन उसने करमेता निवासी हर्ष पटेल और विजय नगर एकता नगर निवासी अमिता पाठक को बेच दी। दीपा ने जिस फर्जी वसीहत के जरिए पूरा खेल खेला, उसमें बतौर गवाह गनाराम चौकसे, गढ़ा पुरवा निवासी रामेती बाई और चेरीताल निवासी प्यारी बाई को गवाह बनाया।

पुलिस के अनुसार अधारताल तहसील में पदस्थ कप्यूटर ऑपरेटर दीपा दुबे ने फर्जी वसीहत के जरिए एक रैगवां की ढाई एकड़ जमीन के आवेदन को अपने पिता के नाम पर रजिस्टर्ड कर लिया। पटवारी की मदद से तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे के जरिए इसका आदेश पारित कराकर पिता के नाम जमीन दर्ज की और फिर अपने दो भाईयों रविशंकर चौबे व अजय चौबे निवासी विजयनगर के नाम पर बांट दी। जमीन फर्जीवाड़े के विवाद के बढऩे का अंदेशा उन्हें था इसलिए आनन-फानन में जमीन बेच दी। इस मामले में पटवारी जागेंद्र पिपरे, जमीन खरीदार हर्ष पटेल और अमिता पाठक को भी नामजद किया गया है। इन सभी के खिलाफ धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और साजिश रचने की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है।

आठ अगस्त 2023 में हटाया नाम

विजय नगर पुलिस ने बताया कि मॉडल टॉउन निवासी शिवचरण पांडे के पिता महावीर पांडे के नाम पर रैगवां में एक हेक्टेयर जमीन थी। महावीर की मौत के बाद शिवचरण का नाम दस्तावेजों में दर्ज हुआ। लेकिन आठ अगस्त 2023 को एकाएक शिवचरण का नाम खसरे समेत अन्य दस्तावेजों से हटा दिया गया। जिस पर शिवचरण ने मामले की शिकायत प्रशासनिक अधिकारियों से की।

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