एमपी में फसल मुआवजा में धांधली पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। इस मामले में 18 पटवारियाें को बर्खास्त कर दिया गया है। धांधली के इस मामले में 2 लिपिकों पर भी गाज गिरी है। मध्यप्रदेश के देवास में कलेक्टर ने ये कार्रवाई की है। देवास कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने 18 पटवारियों की सेवा समाप्त कर दी है। इसके साथ ही 2 लिपिकों पर भी कार्रवाई की है। किसान फसल क्षति वितरण में धांधली करने पर कलेक्टर ने ये कार्रवाई की है।
बर्खास्त किए गए पटवारियों में से 16 पटवारी कन्नौद, खातेगांव और सोनकच्छ सेक्शन के हैं। इनके बर्खास्तगी आदेश आज ही जारी किए गए हैं। शेष 2 पटवारियों को पहले ही बर्खास्त किया जा चुका है।
इन्हें किया बर्खास्त
देवास कलेक्टर ऋषव गुप्ता द्वारा जिन 18 पटवारियों को हटाया गया है उनमें बंशीलाल डाबर, प्यार सिंह सोलंकी, अमित कुशवाहा, दिनेश सिसोदिया, दिलीप यादव, भैयालाल नरगावे, महेंद्र मंडलोई, नंदकिशोर शर्मा, अनिरुद्ध यादव, अनिल धुर्वे, रायसिंह देवड़ा, विकास सरोठिया, नवीन धीमान, अर्जुन वर्मा, रामोतार जोनवाल और अजय चौधरी शामिल हैं।
पूर्व में टोंकखुर्द के अनिल मालवीय और समरथलाल जांगड़े को सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है। कन्नौद में पदस्थ सहायक ग्रेड तीन राहुल कर्मा और तहसील कार्यालय सोनकच्छ के राहुल माली को भी बर्खास्त कर दिया गया था।
क्या था मामला
फसल क्षति मुआवजा राशि वितरण में वित्तीय अनियमितता का यह घोटाला करीब डेढ़ करोड़ रुपए का था। किसानों की फसल मुआवजा राशि का पटवारियों और क्लर्कों ने मिलीभगत कर गबन कर लिया था। मामले में कुल 35 पटवारियों और बाबुओं के खिलाफ जांच की गई। 2023 में 18 पटवारियों और दो क्लर्कों पर पुलिस थानों में प्रकरण दर्ज किया गया। FIR होने के बाद 8 आरोपी तत्काल निलंबित कर दिए गए थे।