प्रशासनमध्यप्रदेश

रीठी तहसील में धान पंजीयन में फर्जीवाड़ा उजागर तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित कम्प्यूटर ऑपरेटर व तीन अन्य को कारण बताओ नोटिस कलेक्टर ने तीन दिनों में जवाब प्रस्तुत करने के दिए निर्देश, दोषी पाए जाने पर अनुशासनात्मक व दंडात्मक कार्रवाई की तैयारी

कलयुग की कलम से राकेश यादव

रीठी तहसील में धान पंजीयन में फर्जीवाड़ा उजागर तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित कम्प्यूटर ऑपरेटर व तीन अन्य को कारण बताओ नोटिस कलेक्टर ने तीन दिनों में जवाब प्रस्तुत करने के दिए निर्देश, दोषी पाए जाने पर अनुशासनात्मक व दंडात्मक कार्रवाई की तैयारी

कलयुग की कलम कटनी – खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के दौरान रीठी तहसील में धान पंजीयन में फर्जीवाड़े का मामला सामने आने के बाद कलेक्टर आशीष तिवारी ने गंभीर रुख अपनाते हुए तहसीलदार, नायब तहसीलदार, कम्प्यूटर ऑपरेटर सहित तीन अन्य व्यक्तियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिवस में जवाब तलब किया है।

मामला ग्राम निटर्रा की मीराबाई पत्नी गुलाब सिंह की शिकायत के बाद उजागर हुआ। जांच में पाया गया कि पंजीयन क्रमांक 226424000047 मीराबाई पत्नी विनोद कुमार के नाम पर दर्ज है, जिसका कुल रकबा 19.37 हेक्टेयर दर्शाया गया। जांच में यह भी सामने आया कि इसी नाम की अन्य महिलाओं की भूमि भी जोड़कर पंजीयन की सीमाएं बढ़ाई गईं, जो स्पष्ट रूप से नियमों के विपरीत है।

तहसीलदार व नायब तहसीलदार पर गंभीर आरोप

मामले में 40 में से 20 खसरे तहसीलदार संदीप सिंह ठाकुर, एवं 12 खसरे नायब तहसीलदार इसरार खान द्वारा सत्यापित पाए गए। जबकि 5 हेक्टेयर से अधिक रकबे का सत्यापन केवल एसडीएम या सक्षम अधिकारी द्वारा किया जाना अनिवार्य है। इसे नियम विरुद्ध माना गया है।कलेक्टर ने दोनों अधिकारियों से पूछा है कि क्यों न उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जाए। निर्धारित समय में जवाब नहीं मिलने पर एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी।

कम्प्यूटर ऑपरेटर व तीन निजी व्यक्तियों पर भी एक्शन

मामले में कम्प्यूटर ऑपरेटर प्रीतम सिंह लोधी, संम्पत अग्रवाल, रंजना अग्रवाल एवं पंजीकृत कृषक मीराबाई (तिलगवां) को भी नोटिस जारी किए गए हैं। आरोप है कि पंजीयन में अन्य लोगों की भूमि बिना सहमति के जोड़ी गई, तथा पिछले वर्ष 412 क्विंटल धान का विक्रय कर 9,47,599 रुपये भुगतान लिया गया।इस राशि में से 1,53,000 रुपये रंजना अग्रवाल के खाते में ट्रांसफर हुए व शेष राशि नकद आहरित की गई। इससे पंजीयन एवं राशि निष्कर्षण में संलिप्तता स्पष्ट होती है।

अभियोजन एवं पद से पृथक्करण की कार्यवाही संभव

कलेक्टर ने संकेत दिए हैं कि यदि जवाब संतोषजनक नहीं मिला तो आर्थिक अनियमितता व धोखाधड़ी के आधार पर अभियोजन की कार्रवाई तथा कम्प्यूटर ऑपरेटर को पद से पृथक करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।कलेक्टर श्री तिवारी ने सभी संबद्ध व्यक्तियों को तीन दिनों के भीतर उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने के निर्देश जारी किए हैं। समयावधि में जवाब न मिलने पर कार्रवाई स्वतः आगे बढ़ेगी।

Related Articles

Back to top button