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भाजपा विधायक संजय पाठक पर EOW ने कसा शिकंजा, सहारा की जमीन बेचने का मामला
कलयुग की कलम से रामेश्वर त्रिपाठी की रिपोर्ट

एमपी में सहारा समूह की बेशकीमती जमीनें बाजार मूल्य से कम दाम में बेचने व निवेशकों को राशि लौटाने में धोखाधड़ी के आरोपों पर आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा (ईओडब्ल्यू) ने शिकंजा कसा। बुधवार को प्रारंभिक शिकायत (पीई) दर्ज कर जांच शुरू की। आरोप है, जमीनें बेचने से मिली राशि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार सेबी-सहारा के रिफंड खाते में जमा नहीं की। भाजपा विधायक संजय पाठक पर 310 एकड़ जमीन का औनेपौने दाम में सौदा करने का आरोप है। ईओडब्ल्यू डीजी उपेंद्र जैन ने कहा, निवेशकों से धोखाधड़ी की जांच पंजीबद्ध की है।
इन पर जांच
मेसर्स सिनाप रियल एस्टेट प्रालि. जबलपुर, नायसा देवबिल्ड प्रालि के संचालक, सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन, सहारा हाउसिंग कॉर्पोरेशन निवेश समूह के अधिकारी- कर्मी, सहारा समूह से जमीन बेचने को अधिकृत कई विके्रता कंपनियां और संबंधित राजस्व अधिकारी सहित अन्य।
भोपाल में ही 125 करोड़ की जमीन का 48 करोड़ में किया सौदा
भोपाल के मक्सी में ही 110 एकड़ जमीन महज 84 करोड़ रुपए में बेची गई। इस भूमि की कीमत खुद सहारा इंडिया कंपनी ने 2014 में मूल्यांकन कर 125 करोड़ बताई थी। इसका सौदा दो साल पहले 48 करोड़ रुपए में ही सिनाप रियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड से कर दिया गया। इसी तरह कटनी और जबलपुर में 100-100 एकड़ जमीन भी 20-20 करोड़ में नायसा देवबिल्ड को बेची। पाठक पर आरोप है, सहारा सिटी के लिए चिह्नित आवासीय जमीन की रजिस्ट्री कृषि भूमि के रूप में कर स्टाम्प ड्यूटी चोरी की।
जांच में सब आएगा सामने
शिकायतकर्ता आशुतोष दीक्षित ने पत्रिका को बताया, विधायक संजय पाठक ने सहारा की 310 एकड़ जमीन बाजार मूल्य से 70त्न कम में खरीदी। जिन कंपनियों ने सौदा किया, इनमें पाठक के परिजन डायरेक्टर हैं। अब जांच में सब सामने आएगा।

 
				 
					
 
					
 
						


