मध्यप्रदेशके छतरपुर में सड़क हादसे में घायल महिला की एंबुलेंस का डीजल खत्म होने से मौत हो गई। महिला के परिजन का आरोप है कि अगर एंबुलेंस का डीजल खत्म नहीं होता तो वक्त पर अस्पताल पहुंच जाते और मरीज की जान बचाई जा सकती थी। परिजन का कहना है कि रास्ते में एंबुलेंस का डीजल खत्म होना घोर लापरवाही है इसमें जिन किसी की भी लापरवाही है उन पर प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
छतरपुर जिले के बारीगढ़ के पास एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें एक तेज रफ्तार कार ने टैक्सी को टक्कर मार दी। इस हादसे में टैक्सी सवार पति-पत्नी की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना तब हुई जब एक टैक्सी, जिसमें ड्राइवर सहित सात यात्री सवार थे, बजौरा से ज्योराहा जा रही थी। बारीगढ़ के पास सामने से तेज रफ्तार में आ रही कार ने टैक्सी को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर के बाद टैक्सी सवार धांसू प्रजापति की घटना स्थल पर ही मौत हो गई, वहीं उनकी पत्नी सोना गंभीर रूप से घायल हो गई।
घायलों को बारीगढ़ अस्पताल ले जाया गया जहां से उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। घायलों में से एक सोना प्रजापति की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे 108 एंबुलेंस से जिला अस्पताल लाया जा रहा था। लेकिन दुर्भाग्यवश रास्ते में एंबुलेंस का डीजल खत्म हो गया, जिससे महिला को समय पर इलाज नहीं मिल पाया। इस कारण सोना की रास्ते में मौत हो गई। इस घटना के बाद मृतक के परिजनों ने आरोप लगाया कि अगर एंबुलेंस का डीजल खत्म नहीं हुआ होता, तो सोना की जान बच सकती थी।