किसान कल्याण तथा कृषि विभाग के उपसंचालक ने किसानो को दी सलाह भूरा माहू के नियंत्रण के लिए कृषकों को सलाह
कलयुग की कलम से राकेश यादव
किसान कल्याण तथा कृषि विभाग के उपसंचालक ने किसानो को दी सलाह भूरा माहू के नियंत्रण के लिए कृषकों को सलाह
कलयुग की कलम कटनी-जिले में गर्म तापमान एवं उच्च आद्रता भूरा माहू कीट के लिए धान की फसल में प्रकोप के लिए अनुकूल वातावरण है। वर्तमान में खरीफ 2024 अंतर्गत बोई गई धान फसल जो कि बाली की अवस्था में है, धान फसल में बदलते मौसम के कारण जिले में भूरा माहू का प्रकोप देखा जा रहा है।
इस संबंध में किसान कल्याण तथा कृषि विभाग के उपसंचालक ने किसानों को सलाह दी है कि वे अपनी फसल का सतत देखभाल करते रहे एवं पत्तियों का व्यापक रूप से पीला पडना, भूरा होना, सूखना जो किनारो से शुरू होता है। इसका प्रकोप खेत में चकतो के रूप में दिखाई देना, जमीन के पास तनों में भूरे रंग का माहू दिखाई देने पर अपनी धान फसल में माहू नियंत्रण हेतु रासायनिक दवाओं का प्रयोग करें, दवा को पौधे के नीचे तक पहुँचाना आवश्यक है। धान की लंबाई अधिक होने पर पानी का भराव आवश्य करें जिससे माहू कुछ उपर की और आईगें। आपनें कृषकों को एक एकड में 150 से 200 लीटर पानी या 10 से 12 स्प्रेयर पंप (15 लीटर) के मान से छिडकांव करने की सलाह की है।
भूरा माहू से नियंत्रण के लिए कृषक पायमेट्रोजिन 50 प्रतिशत डब्लूजी 300 ग्राम प्रति हेक्टेयर, डायनोटेफ्यूरोन 70 प्रतिशत डब्लूजी 85 ग्राम प्रति हेक्टेयर,डायनोटेफ्यूरोन 15 प्रतिशत डब्लूजी पाईमेट्रोजिन 45 प्रतिशत डब्लूजी 330 ग्राम प्रति हेक्टेयर या थायोमेथेक्जाम 25 प्रतिशत डब्लूजी 100-120 ग्राम प्रति हेक्टेयर, इमीडाक्लोरोप्रिड 17.8 प्रतिशत एसएल 150-200 मि.ली. प्रति हेक्टेयर, फिप्रोनिल 3 प्रतिशत व्यूप्रोफेजिन 22 प्रतिशत 500 मि.ली. प्रति हेक्टेयर, ब्यूप्रोफेजिन 15 प्रतिशत एसीफेट 35 प्रतिशत 50 ग्राम प्रति हेक्टेयर में से किसी भी एक रासायनिक दवा का प्रयोग कर धान फसल में भूरा माह कीट से निदान पाया जा सकता है




