हरदी में धीमी गति से हो रहा पानी टंकी का निर्माण कार्य,पानी के लिए परेशान ग्रामीण पाइप लाइन विस्तार हुई न हुआ नलों के कनेक्शन का कार्य,एक करोड़ रुपये से अधिक की लागत से होना है जल जीवन मिशन योजना का कार्य,बगैर सुरक्षा उपकरण के काम करते है मजदूर, ठेकेदार ध्यान दे रहे न जिम्मेदार अधिकारी
कलयुग की कलम से राकेश यादव
हरदी में धीमी गति से हो रहा पानी टंकी का निर्माण कार्य,पानी के लिए परेशान ग्रामीण पाइप लाइन विस्तार हुई न हुआ नलों के कनेक्शन का कार्य,एक करोड़ रुपये से अधिक की लागत से होना है जल जीवन मिशन योजना का कार्य,बगैर सुरक्षा उपकरण के काम करते है मजदूर, ठेकेदार ध्यान दे रहे न जिम्मेदार अधिकारी
MP कटनी उमरियापान:- केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना जल जीवन मिशन के कार्यों में पीएचई विभाग के द्वारा बड़ी लापरवाही बरती जा रही है।ढीमरखेड़ा की ग्राम पंचायत हरदी में मिशन के तहत निर्माण कार्य धीमी गति से चलने की वजह से ग्रामीणों को गर्मी के दिनों में जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। गांव के लोगों को सरकार की योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि पीएचई विभाग के अधिकारियों की उदासीनता के कारण गुणवत्ताहीन कार्य और बगैर सुरक्षा साधनों के मजदूरों से काम कराया जा रहा है।
हासिल जानकारी के मुताबिक गांव के लोगों को शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हो, इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा जल जीवन मिशन के अंतर्गत गांव गांव पानी की टंकी और पाइपलाइन विस्तार सहित लोगों के घरों में नल कनेक्शन का कार्य कराया जा रहा है।हरदी में भी एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि से जल जीवन मिशन योजना का काम होना है। टेंडर होने के बाद विभाग ने ठेकेदार के माध्यम से काम शुरू कराया। निर्माण कार्य की गुणवत्ता की देखरेख पीएचई विभाग की निगरानी में होना है। लेकिन पीएचई विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों की मिलीभगत से हरदी गांव में गुणवत्ताहीन पानी की टंकी का काम हो रहा है। टंकी का निर्माण भी धीमी गति से हो रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि विधानसभा चुनाव 2023 के पहले से हरदी में ठेकेदार द्वारा मिशन के तहत काम चालू किया गया। अभी तक पानी की टंकी का निर्माण नहीं हो पाया है। पाइप लाइन विस्तार और लोगों के घरों में नल कनेक्शन का काम भी नहीं किया गया है। गांव के लोग हैंडपंपों के अलावा निजी नलकूपों के सहारे अपनी प्यास बुझा रहे हैं।गर्मी के दिनों में पेयजल समस्या गहरा जाती है।जलस्तर कम होने से हैंडपंपों से पानी भरने में कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।खासकर महिलाओं को ज्यादा परेशान होना पड़ता है।नलकूपों से पानी भरने के लिए यहाँ वहा जाना पड़ता है। बिजली की समस्या के चलते नलकूप भी समय पर पानी नहीं दे पाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गर्मी के मौसम में अगर लोगों को पानी मिलता तो गांव के लोगों की पानी की समस्या हल होती। कुछ दिनों बाद बारिश शुरू होते ही मिशन का काम बंद हो जाएगा। विभागीय अधिकारियों की अनदेखी और ठेकेदार की लेटलतीफी के कारण अभी ग्रामीणों को योजना का लाभ नहीं मिल पायेगा।ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार द्वारा मजदूरों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। पानी टंकी का निर्माण करने वाले मजदूर बगैर प्लास्टिक केप पहने,बगैर मास्क और बिना सुरक्षा साधनों का उपयोग किये धड़ल्ले से टंकी का कार्य करने में जुटे हैं। ऐसे में कभी भी मजदूरों के साथ हादसा हो सकता है। पीएचई विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी सुरक्षा के बिंदुओं पर चुप्पी साधे हुए हैं।




