प्रशासनमध्यप्रदेश

कलेक्टर के आकस्मिक निरीक्षण में चला पता, ऊपरी कमाई के बिना नहीं कर रहे काम, पांच पटवारी और आरआई फंसे, तहसीलदार भी घेरे में

कलयुग की कलम से रामेश्वर त्रिपाठी की रिपोर्ट

इंदौर- एमपी में पटवारी और राजस्व निरीक्षक यानि आरआई एक्स्ट्रा कमाई के लालच में नियमानुसार काम भी नहीं कर रहे हैं। प्रदेशभर में राजस्व न्यायालयों में प्रकरण बढ़ते जा रहे हैं, लोग परेशान हो रहे हैं लेकिन कोई ध्यान नहीं दे रहा। अब इंदौर में कलेक्‍टर ने ऐसे पटवारियों और आरआई पर सख्त कार्रवाई की है। जिले के कई पटवारियों और आरआई पर राजस्व न्यायालयों में अनियमितताओं को लेकर गाज गिरी है। इतना ही नहीं, नायब तहसीलदार और तहसीलदार भी कार्रवाई के घेरे में हैं।

कुछ पटवारियों द्वारा लोगों से पैसे मांगे गए

राजस्व न्यायालयों के औचक निरीक्षण में कई अनियमितताएं सामने आईं थीं। काम के बदले में कुछ पटवारियों द्वारा लोगों से पैसे मांगे गए जिसकी शिकायतें भी मिलीं। इसके बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने पांच पटवारी और एक राजस्व निरीक्षक को निलंबित कर दिया।
कलेक्टर ने अनियमितता के आरोप में जिन पटवारियों को निलंबित किया उनमें राऊ के पटवारी नितेश राणा, मल्हारगंज पटवारी ऋषिता तिवारी और हरीश शर्मा, जूनी इंदौर के पटवारी प्रभु दयाल, बिचौली के पटवारी ओम परमार शामिल हैं। इंदौर कलेक्टर ने राजस्व निरीक्षक आरआई सुबोध टैनी को भी निलंबित किया है। रविवार को ये कार्रवाई की गई।

आकस्मिक निरीक्षण में सामने आई सच्चाई

कलेक्टर आशीष सिंह ने राजस्व न्यायालयों के कामकाज पर फोकस किया है। इसके लिए अपर कलेक्टर सपना लोवंशी, रोशन राय और गौरव बैनर ने
औचक निरीक्षण का प्लान बनाया। इसमें पटवारियों और आरआई की अनियमितताएं सामने आ गईं। कुछ पटवारियों द्वारा पैसे मांगने की शिकायत भी सामने आई।
आकस्मिक निरीक्षण में पता चला कि कुछ प्रकरण कई महीनों से लंबित हैं। पटवारी और राजस्व निरीक्षकों ने कई रिपोर्ट दबा कर रखी थी। अपर कलेक्टर ने कलेक्टर आशीष सिंह को इस संबंध में रिपोर्ट सौंपी जिसके बाद ये कार्रवाई की गई है।
बताया जा रहा है कि राजस्व कार्यों में लापरवाही और अनियमितताओं के मामले में अब वरिष्ठ अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी। कुछ नायब तहसीलदारों और तहसीलदारों पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है।

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