छेत्रीय विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह ने बच्चे की साइकिल की उतरी हुई चैन चढ़ाई, योगेंद्र सिंह ठाकुर ने दिया सहयोग, बच्चे के चेहरे पर आई मुस्कान जिसने भी देखा यह दृश्य विधायक की सहज और सरल स्वभाव की प्रशंसा की
कलयुग की कलम से राकेश यादव

छेत्रीय विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह ने बच्चे की साइकिल की उतरी हुई चैन चढ़ाई, योगेंद्र सिंह ठाकुर ने दिया सहयोग, बच्चे के चेहरे पर आई मुस्कान जिसने भी देखा यह दृश्य विधायक की सहज और सरल स्वभाव की प्रशंसा की
कलयुग की कलम ढीमरखेड़ा-बड़वारा विधायक धीरेंद्र बहादुर सिंह अपने सरल एवं सहज स्वभाव के लिए जाने जाते हैं।जन प्रतिनिधि की असली पहचान तभी होती है जब वह जनता के बीच सहजता से घुल-मिल जाए और उनकी छोटी-बड़ी समस्याओं को भी अपनी जिम्मेदारी समझे। जनसेवा केवल बड़े वादों तक सीमित नहीं होती, बल्कि कभी-कभी छोटे-छोटे कार्य भी समाज में सकारात्मक संदेश देने का माध्यम बनते हैं। ऐसा ही एक प्रेरणादायक दृश्य देखने को मिला जब क्षेत्रीय विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह ने सड़क किनारे खड़े एक छोटे बच्चे की साइकिल की उतर गई चैन को अपने हाथों से ठीक किया। इस कार्य में उनका साथ दिया योगेंद्र सिंह ठाकुर ने। यह घटना न केवल एक आम दृश्य थी, बल्कि इसमें छिपा था जनसेवा का सच्चा उदाहरण। बच्चे के चेहरे पर जब मुस्कान आई, तो यह मुस्कान केवल उसके लिए नहीं थी, बल्कि यह उन सभी लोगों के लिए एक संदेश थी कि असली नेता वही होता है जो अपने पद और प्रतिष्ठा से ऊपर उठकर आम जनता की सेवा में तत्पर रहता है।

सड़क किनारे रोता मिला बच्चा
घटना एक छोटे कस्बे की है, जहां एक सात-आठ साल का बच्चा अपनी साइकिल लेकर जा रहा था। अचानक उसकी साइकिल की चैन उतर गई और वह उसे ठीक करने की कोशिश करने लगा। लेकिन उसकी छोटी-छोटी उंगलियां उस कठिन कार्य को कर पाने में असमर्थ थीं। बच्चा परेशान होकर कभी साइकिल को देखता, कभी अपने हाथों को, और कभी आसपास के लोगों की ओर उम्मीद भरी नजरों से ताकता। तभी उसी रास्ते से विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह गुजर रहे थे। उन्होंने सड़क किनारे खड़े उस मासूम बच्चे को देखा, जो निराश नजरों से अपनी साइकिल की ओर देख रहा था। उन्होंने तुरंत अपनी गाड़ी रुकवाई और बच्चे के पास जाकर उसकी परेशानी पूछी। बच्चे ने मासूमियत से कहा, “चैन उतर गई है, मैं इसे चढ़ा नहीं पा रहा।” विधायक जी ने तुरंत अपने हाथों से साइकिल उठाई और चैन को सही करने लगे।यह दृश्य देखकर वहां मौजूद लोग अचंभित रह गए। आमतौर पर नेता अपनी व्यस्तताओं के कारण ऐसी छोटी-छोटी चीजों की ओर ध्यान नहीं देते, लेकिन धीरेन्द्र बहादुर सिंह ने इस कार्य को पूरी लगन और सहजता से किया।
योगेंद्र सिंह ठाकुर ने दिया सहयोग
विधायक जी ने जब साइकिल की चैन चढ़ाने का प्रयास किया, तो उनके हाथों में थोड़ा ग्रीस लग गया। इतने में वहां से गुजर रहे समाजसेवी योगेंद्र सिंह ठाकुर भी रुके और उन्होंने भी मदद की दोनों ने मिलकर कुछ ही मिनटों में साइकिल की उतर चुकी चैन को दोबारा सही कर दिया। बच्चा खुशी से उछल पड़ा। उसकी परेशानी हल हो चुकी थी और अब वह फिर से अपनी साइकिल चला सकता था। उसकी आंखों में चमक थी और चेहरे पर एक बड़ी मुस्कान। यह मुस्कान केवल एक समस्या के हल होने की नहीं थी, बल्कि इस बात की थी कि उसे एहसास हो चुका था कि दुनिया में भलाई और सेवा की भावना अब भी जिंदा है।




