मध्यप्रदेश

भोपाल में CBI इंस्पेक्टर 10 लाख रुपए घूस लेते रंगे हाथों गिरफ्तार, घर में मिले सोने बिस्किट

कलयुग की कलम से रामेश्वर त्रिपाठी की रिपोर्ट

 भोपाल- जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश पर प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में हुए घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ की टीम का दागदार चेहरा रविवार को सामने आया। 308 कॉलेजों की जांच में 169 नर्सिंग कॉलेजों को सुटेबल और 66 को अनसुटेबल बताने वाली सीबीआइ टीम के इंस्पेक्टर राहुल राज को दिल्ली सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने 10 लाख रुपए रिश्वत लेते भोपाल से गिरफ्तार किया। घूस देने वाले भोपाल के मलय कॉलेज ऑफनर्सिंग के चेयरमैन अनिल भास्करन, प्रिंसिपल सूना अनिल भास्करन को आंचल अपार्टमेंट से दबोचा तो दलाल सचिन जैन भी हत्थे चढ़ा।
मलय कॉलेज को सूटेबल बताने के लिए इंस्पेक्टर राज घूस ले रहा था। टीम ने भोपाल से ही जुगलकिशोर शर्मा, रतलाम से ओमगिरी गोस्वामी और इंदौर से रविराज भदौरिया, प्रीति तिलकवार, वेदप्रकाश शर्मा, तनवीर खान समेत 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। सीबीआइ दिल्ली की टीम ने इंस्पेक्टर राहुल राज के भोपाल में प्रोफेसर कॉलोनी स्थित निवास पर तलाशी ली। यहां से 7.88 लाख रुपए नकद मिले। साथ ही 100-100 ग्राम के दो सोने के बिस्किट मिले हैं।

भदौरिया के यहां से 84.65 लाख की जब्ती

सूत्रों की माने तो आरोपी रविराज भदौरिया के यहां से 84.65 लाख की जब्ती हुई। अन्य आरोपी प्रीति तिलकवार के यहां से 1 लाख रुपए और डायरी बरामद हुई है।
29 तक पुलिस रिमांड पर सभी आरोपी सीबीआइ इंस्पेक्टर, मलय कॉलेज के चेयरमैन-प्रिंसिपल और दलाल सचिन को सीबीआइ की विशेष कोर्ट ने 29 मई तक पुलिस रिमांड में भेज दिया है।

एनएसयूआइ ने की शिकायत

कार्रवाई के बाद एनएसयूआइ ने दावा किया कि मेडिकल विंग के प्रदेश समन्वयक रवि परमार ने 15 अप्रेल को सीबीआइ कार्यालय में शिकायत की थी। कहा था हाईकोर्ट के आदेश पर जांच कर जिन कॉलेजों को सीबीआइ ने सुटेबल बताया, वह गलत है।
भोपाल के एपीएस नर्सिंग एकेडमी, मेहको नर्सिंग कॉलेज, अरविंदो नर्सिंग कॉलेज और मलय नर्सिंग कॉलेज सुटेबल नहीं हैं। ये नियम के खिलाफ चल रहे हैं। परमार ने उक्त कॉलेजों की फिर से जांच करने और गलत रिपोर्ट देने वाले सीबीआइ अफसरों पर कार्रवाई करने की मांग की। इसके बाद दिल्ली सीबीआइ की भ्रष्टाचार निरोधी शाखा हरकत में आई।

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