सांदीपनि विद्यालय झिंझरी में गीता जयंती पर जिला स्तरीय भव्य आयोजन का शुभारंभ कार्यक्रम की शुरुआत कलेक्टर आशीष तिवारी, निगमायुक्त तपस्या परिहार जिला पंचायत सीईओ हरसिमरनप्रीत कौर द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर की गई।
कलयुग की कलम से राकेश यादव

सांदीपनि विद्यालय झिंझरी में गीता जयंती पर जिला स्तरीय भव्य आयोजन का शुभारंभ कार्यक्रम की शुरुआत कलेक्टर आशीष तिवारी, निगमायुक्त तपस्या परिहार जिला पंचायत सीईओ हरसिमरनप्रीत कौर द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर की गई।
कलयुग की कलम कटनी – अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अवसर पर सांदीपनि विद्यालय झिंझरी में जिला स्तरीय गीता जयंती समारोह का शुभारंभ श्रद्धा और उत्साह के साथ हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत कलेक्टर आशीष तिवारी, निगमायुक्त तपस्या परिहार तथा जिला पंचायत सीईओ हरसिमरनप्रीत कौर द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर की गई।


पूरे परिसर में गीता भक्ति और आध्यात्मिक वाणी की पावन ध्वनि गूंजती रही।
मुख्य मंच पर उपस्थित गीताभक्तों ने श्रीमद्भगवद्गीता के 15वें अध्याय का सामूहिक सस्वर पाठ कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया। सामूहिक पाठ में विद्यार्थियों, शिक्षकों, स्वयंसेवकों और अधिकारियों ने भावपूर्वक सहभागिता निभाई। आयोजन का उद्देश्य समाज में गीता के ज्ञान, कर्तव्य, कर्मयोग और नैतिक मूल्यों के प्रसार को प्रोत्साहित करना है।
कार्यक्रम में अपर कलेक्टर नीलांबर मिश्रा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. संतोष डेहेरिया, संयुक्त कलेक्टर जितेन्द्र पटेल, डिप्टी कलेक्टर प्रदीप कुमार मिश्रा व ज्योति लिल्हारे सहित जिले के सभी प्रमुख विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। अधिकारियों की उपस्थिति ने आयोजन की गरिमा को और अधिक बढ़ाया।
विद्यालय परिसर में सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, गीता श्लोकों का उच्चारण, नन्हे विद्यार्थियों द्वारा मंचन तथा प्रदर्शनी भी आकर्षण का केंद्र रहीं। वक्ताओं ने गीता को जीवन के हर संकट में मार्गदर्शक बताते हुए इसे कर्तव्यनिष्ठा, अनुशासन और सकारात्मक चिंतन का सर्वोत्तम ग्रंथ बताया। कलेक्टर श्री तिवारी ने कहा कि गीता का संदेश सर्वमान्य है और आने वाली पीढ़ियों को संस्कारित करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।

इधर जिले के सभी विकासखंड मुख्यालयों में भी गीता जयंती पूरे उत्साह, आस्था और भक्ति के साथ मनाई जा रही है। सामूहिक पाठ, प्रभात फेरी, प्रवचन तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से गीता के उपदेशों का व्यापक प्रसार किया जा रहा है।सांदीपनि विद्यालय में आयोजित यह भव्य आयोजन न केवल आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम रहा, बल्कि सामाजिक एकता, सांस्कृतिक परंपरा और नैतिक मूल्यों के संवर्धन का प्रेरणादायी उदाहरण भी सिद्ध हुआ।




