्कलेक्टर श्री तिवारी का औचक निरीक्षण: वेयरहाउस और उपार्जन केंद्रों की तैयारियों में तेज़ी लाने के निर्देश
कलयुग की कलम से राकेश यादव

्कलेक्टर श्री तिवारी का औचक निरीक्षण: वेयरहाउस और उपार्जन केंद्रों की तैयारियों में तेज़ी लाने के निर्देश
कलयुग की कलम कटनी – रबी विपणन वर्ष के लिए धान उपार्जन प्रक्रिया को सुचारू और पारदर्शी बनाने उद्देश्य से कलेक्टर आशीष तिवारी ने गुरुवार को शहर के विभिन्न वेयरहाउस और उपार्जन केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने भंडारण क्षमता, सुरक्षा, किसानों की सुविधा और आवश्यक व्यवस्थाओं की बारीकी से समीक्षा की तथा अधिकारियों को तत्परता से व्यवस्थाएँ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर तिवारी सबसे पहले *्सीडब्ल्यूसी कुठला गोदाम पहुँचे, जहाँ उन्होंने गोदाम परिसर, मशीनरी, वजन तौल व्यवस्था और भंडारण क्षमता का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान गोदाम में धान भंडारित नहीं पाया गया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि उपार्जन शुरू होने के बाद धान की आवक बढ़ेगी, ऐसे में स्थान, सुरक्षा और रिकॉर्ड प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाए। इसके बाद कलेक्टर तिवारी ने चाका बायपास स्थित हिंद एनर्जी वेयरहाउस का निरीक्षण किया। वहाँ भी उन्होंने भंडारण क्षमता की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि सभी वेयरहाउसों में तिरपाल, पैलेट, अग्निशमन उपकरण और सुरक्षा बलों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, ताकि भंडारित धान पूरी तरह सुरक्षित रहे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उपार्जन केंद्रों पर धान बेचने आने वाले किसानों के लिए – ठंड से बचाव की समुचित व्यवस्था, – पीने के पानी की उपलब्धता, – प्रतीक्षालय, – साफ-सफाई, – तौल प्रक्रिया में पारदर्शिता जैसी मूलभूत सुविधाएँ अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाएँ। कलेक्टर ने चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों की सुविधा में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निरीक्षण के दौरान उनके साथ जिला आपूर्ति अधिकारी सज्जन सिंह परिहार, मध्यप्रदेश वेयरहाउस एंड लॉजिस्टिक कारपोरेशन के जिला प्रबंधक श्री सेंगर, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी पियूष शुक्ला, तथा विभिन्न समितियों के प्रबंधक और नोडल अधिकारी मौजूद रहे। सभी अधिकारियों को कलेक्टर ने उपार्जन सीजन शुरू होने से पहले पूर्ण तैयारी करने के निर्देश दिए। कलेक्टर तिवारी ने कहा कि शासन की प्राथमिकता है कि किसान को उपार्जन केंद्र पर किसी भी प्रकार की परेशानी न हो और धान का उपार्जन समयबद्ध, पारदर्शी और व्यवस्थित ढंग से हो। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि सभी केंद्रों पर व्यवस्थाओं की सतत मॉनिटरिंग की जाए और किसी भी समस्या पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।




