प्रदेश में पहली बार निजी स्कूल द्वारा छात्रों को लौटाई जाएगी बढ़ाई गई फीस कटनी जिले के नालंदा विद्यालय प्रबंधन पर दो लाख का जुर्माना भी लगा, 195 छात्रों को 2.15 लाख रुपए भी लौटाएंगे
कलयुग की कलम से सोनू त्रिपाठी की रिपोर्ट
कटनी- प्राइवेट स्कूल निजी स्कूलों की मनमानी फीस पर लगाम लगाने के लिए जिला प्रशासन के कड़े रुख के कारण स्कूल प्रबंधन 195 विद्यार्थियों से वसूली गई करीब सवा दो लाख रुपए की राशि वापस करेगा। यह प्रदेश का ऐसा पहला मामला है जब कोई निजी स्कूल प्रबंधन ज्यादा वसूली गई फीस वापस करने जा रहा है। कलेक्टर ने नियम एवं निर्देशों का उल्लंघन किए जाने पर दो लाख रुपए की राशि स्कूल प्रबंधन पर अधिरोपित कर 15 दिनों के भीतर जमा करने का निर्देश भी दिया है।
कलेक्टर श्री अवि प्रसाद द्वारा अभिभावकों की शिकायत पर जांच कराई गई थी। जांच में यह सामने आया कि नालंदा उमावि झिंझरी के शाला प्रबंधन द्वारा कलेक्टर की अध्यक्षता वाली जिला समिति से बिना अनुमोदन कराए 10 प्रतिशत से अधिक की फीस वृद्धि कर दी गई है। नियम के अनुसार निजी विद्यालय द्वारा प्रस्तावित फीस में वृद्धि यदि पिछले शैक्षणिक सत्र की फीस की तुलना में 10 प्रतिशत से अधिक किन्तु 15 प्रतिशत या उससे कम है, तो जिला समिति से अनुमोदन करना अनिवार्य है। यदि 15 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी की जाती है तो जिला समिति के माध्यम से राज्य समिति से अनुमोदन का प्रावधान है। जिसका शाला प्रबंधन द्वारा उल्लंघन किया गया।
10 प्रतिशत से अधिक ली गई फीस करेंगे वापस
कलेक्टर की अध्यक्षता वाली जिला समिति के समक्ष नालंदा उ.मा.वि. झिंझरी के प्राचार्य ने सत्र 2021-22 में छात्रों से 10 प्रतिशत से अधिक की फीस वृद्घि की वसूली की गई राशि संबंधित छात्रों को वापस करने का वचन दिया। शाला प्राचार्य ने बताया कि 195 विद्यार्थियों से अधिक फीस के तौर पर वसूले गए 215835 रुपए की राशि शीघ्र ही छात्रों को वापस कर दी जाएगी।




