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कटनी से जबलपुर वेटरनरी अस्पताल लाएं गए तेंदुए का पोस्टमार्टम होने के बाद हुआ खुलासा, दम घुटने से हुई मौत

कलयुग की कलम से रामेश्वर त्रिपाठी की रिपोर्ट

जबलपुर- कटनी की ढीमरखेड़ा बीट के जंगल में मृत पाया गया तेंदुए ने शिकारियों के जाल में फंस कर जान गंवाई थी। तेंदुए के गले में फंदे के निशान मिले हैं, जिससे उसकी मौत हुई। इसकी पुष्टि वेटरनरी डॉक्टर्स ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में की है। तेंदुए का शव शुक्रवार को वेटरनरी डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमार्टम किया। विशेषज्ञों ने बताया कि इस प्रकार का फंदा सुअरों के शिकार के लिए उपयोग किया जाता है।

मृत तेंदुआ मादा थी जिसकी उम्र एक साल थी। पोस्टमार्टम की कार्रवाई वन्य प्राणी चिकित्सक डॉ. निधि राजपूत, डॉ. देवेन्द्र पोधाडे, डॉ. अमोल रोकडे की टीम ने की। डॉक्टर्स के अनुसार तेंदुए के शरीर में गले के पास निशान पाए गए हैं। इसके अलावा कोई अन्य बाहरी चोट या संघर्ष के संकेत नहीं मिले हैं। इससे यह साफ होता है कि मौत की मुख्य वजह फंदा कसने के कारण दम घुटना था। फंदे से खुद को निकालने के प्रयास में तेंदुए के गले में फंदा कसता गया और उसकी सांसें रुक गईं।

ढीमरखेडा बीट में मृत तेंदुआ मिलने की जानकारी मिली थी। पीएम कराया गया है। फंदे से मौत होने की बात सामने आई है। क्षेत्र में डॉग स्क्वाड की मदद से सर्चिंग की जा रही है।
सीमा द्विवेदी, डीएम मप्र राज्य वन विकास  जबलपुर

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