बाल विवाह पर रोक, भविष्य सुरक्षित — गांव-गांव जागरण का संकल्प लिए रवाना हुआ अभियान रथ संदेश स्पष्ट— बाल विवाह से दूर रहें, बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाएं
कलयुग की कलम से राकेश यादव

बाल विवाह पर रोक, भविष्य सुरक्षित — गांव-गांव जागरण का संकल्प लिए रवाना हुआ अभियान रथ संदेश स्पष्ट— बाल विवाह से दूर रहें, बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाएं
कलयुग की कलम कटनी – जिले को बाल विवाह के बंधन से पूर्णत: मुक्त बनाने के उद्देश्य से शुक्रवार का दिन एक महत्वपूर्ण पहल का साक्षी बना। 100 दिवसीय विशेष अभियान के तहत बाल विवाह रोकथाम एवं जनजागरूकता को लेकर जिला प्रशासन सक्रिय हो गया है। इसी क्रम में कलेक्टर आशीष तिवारी ने बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रथ अब गांवों, कस्बों, हाट-बाजारों, स्कूलों और समुदायों तक पहुंचकर लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराएगा तथा समाज में बदलाव की सोच जगाएगा।
अभियान का मूल लक्ष्य है कि जिले का प्रत्येक नागरिक समझे कि बाल विवाह केवल एक कुप्रथा नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य और स्वास्थ्य पर गहरा आघात है। कम उम्र में विवाह से शिक्षा बाधित होती है, मानसिक और शारीरिक विकास प्रभावित होता है तथा मातृ एवं शिशु मृत्यु दर बढ़ने जैसी गंभीर समस्याएं जन्म लेती हैं। इसलिए आवश्यकता है कि समाज, परिवार और संस्थाएं मिलकर इस कुरीति पर रोक लगाएं। प्रशासनिक स्तर पर छेड़े गए इस जनसंवाद अभियान का मकसद है— हर गांव तक संदेश, हर परिवार तक जागरूकता।
कलेक्टर तिवारी ने इस अवसर पर कहा कि बच्चों का बचपन सुरक्षित हो, उन्हें पढ़ने-लिखने और आगे बढ़ने का पूरा अवसर मिले, इसके लिए बाल विवाह जैसी प्रथा का उन्मूलन बेहद जरूरी है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 100 दिनों तक निरंतर प्रचार-प्रसार, संवाद बैठकें व जनचेतना कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। साथ ही समाज के सभी वर्गों से अपील की कि वे आगे आकर इस बदलाव में सहभागी बनें।
कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास विभाग की सहायक संचालक वनश्री कुर्वेती, डिप्टी कलेक्टर ज्योति लिल्हारे, परियोजना अधिकारी सतीश पटेल, बहोरीबंद परियोजना टीम सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। सभी ने संयुक्त रूप से संकल्प लिया कि जिले में किसी भी बाल विवाह की घटना होने पर तत्परता से रोक लगाई जाएगी और दोषियों पर संवैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।रथ द्वारा चलाया जा रहा यह जनजागरण अभियान आने वाले दिनों में अनेक इंटरैक्टिव कार्यक्रम, नुक्कड़ नाटक, जागृति सभाओं तथा छात्र-छात्राओं के संवाद के माध्यम से समाज को जागृत करेगा। उम्मीद है कि यह पहल जिले को बाल विवाह मुक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगी और आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित, शिक्षित और स्वावलंबी भविष्य की राह दिखाएगी।
संदेश स्पष्ट— बाल विवाह से दूर रहें, बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाएं।




