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रीवा में 14 हजार की रिश्वत लेते एसडीएम का रीडर कार्यालय से रंगे हाथों गिरफ्तार, तहसीलदार के आदेश पर स्थगन देने के बदले मांगी थी रिश्वत, रीवा लोकायुक्त ने की कार्रवाई

कलयुग की कलम से रामेश्वर त्रिपाठी

मध्यप्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला लगातार जारी है। लगभग हर दूसरे दिन कहीं न कहीं लोकायुक्त रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ रही है लेकिन इसके बावजूद रिश्वतखोर बाज आते नजर नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला मध्यप्रदेश के रीवा जिले का है जहां एसडीएम के रीडर को 14 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त टीम ने पकड़ा है। रीडर ने फरियादी से तहसीलदार के आदेश पर स्थगन देने के बदले रिश्वत की मांग की थी।

एसडीएम ऑफिस में पकड़ाया

बुधवार को रीवा जिले के त्योंथर में एसडीएम ऑफिस के अंदर रीडर शशि कुमार विश्वकर्मा को रीवा लोकायुक्त की टीम ने 14 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों गिरफ्तार किया है। रिश्वतखोर रीडर शशि कुमार विश्वकर्मा ने त्योंथर तहसील के मझिगवां गांव के रहने वाले उमेश कुमार शुक्ला से रिश्वत की मांग की थी। फरियादी ने लोकायुक्त में शिकायत करते हुए बताया था कि त्योंथर के तहसीलदार द्वारा दिए गए एक निर्णय पर एसडीएम कोर्ट में अपील की गई थी। जहां पर मामला विचाराधीन है। एसडीएम के रीडर शशि कुमार विश्वकर्मा द्वारा इस मामले उसके पक्ष में आदेश कराने के बदले 20 हजार रूपए रिश्वत की मांग की जिसमें से कुछ पैसे वो पहले ले चुका है। लोकायुक्त टीम ने शिकायत की जांच की और शिकायत सही पाए जाने पर फरियादी उमेश कुमार को रिश्वत के 14 हजार रुपए लेकर रीडर शशि कुमार के पास भेजा। दफ्तर में जैसे ही रीडर ने रिश्वत के रूपए लिए तो लोकायुक्त की टीम ने उसे धर दबोचा।

जांच के दायरे में एसडीएम

लोकायुक्त अधिकारियों ने बताया कि आरोपी ने जो रिश्वत ली वो एसडीएम के नाम पर यह दावा कर ली थी कि रूपए मिलने के बाद वो एसडीएम से शिकायतकर्ता के पक्ष में निर्णय करा देगा। इस कारण इस मामले में एसडीएम से भी जरूरत पड़ने पर पूछताछ की जाएगी। बता दें कि कुछ समय पहले त्योंथर के अधिवक्ताओं ने भी एसडीएम के खिलाफ मोर्चा खोला था और कई गंभीर आरोप लगाए थे। जिसमें एक आरोप यह भी था कि कुछ प्रकरणों में वह रुचि दिखाकर नियम विरुद्ध काम करते हैं।

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