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कटनी जिले के ढीमरखेड़ा विकासखंड से 420 के फरार आरोपी जबलपुर में काट रहे फरारी, स्पा सेंटरों में कर रहे अय्यासी, 7 विक्रेताओं पर एफआईआर दर्ज होने के बाद से है फरार, दीमक की तरह फुड़ विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने खाया गरीबों का निवाला, तहसील से लेकर जिले तक बनी है घोटाले की चैन

कलयुग की कलम से सोनू त्रिपाठी की रिपोर्ट

कटनी- ढीमरखेड़ा तहसील अंतर्गत विभिन्न दुकानों पर पदस्थ विक्रेताओं के विरूद्ध राशन खुर्द-बुर्द मामले में प्रशासन के द्वारा एफआईआर दर्ज करवाई गई थी जिसमें से मात्र परसेल दुकान विक्रेता आजम खान को पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया है बाकी सभी जबलपुर जिले में फरारी काट रहे है तो इनमें से कुछ स्पा सेंटरों में मसाज के साथ ही अय्यासी की जिदंगी जी रहे है। करोड़ों रूपये कीमत के गरीबों के राशन खुर्द-बुर्द मामले में प्रशासन की कार्यवाही पर सवालियां निशान भी लग रहा है…? चूंकि फुड़ विभाग के अधिकारी भी इस करोड़ों रूपये के घोटाले में शामिल है लेकिन एफआईआर सिर्फ विक्रेताओं पर दर्ज करवा दी गई है जो विधि संगत नहीं है। लिहाजा इस संबंध में भोपाल में प्रमुख सचिव को शिकायत भेजकर मामले में वरिष्ठ अधिकारियों की जांच टीम बनाकर फुड विभाग के अधिकारियों पर भी मामला दर्ज कर अन्वेषण कार्यवाही चलाई जाये। चूंकि करोड़ों रूपये के घोटाले में सभी बराबर के दोषी है।

जानबूझकर भेजा जाता था ज्यादा आवंटन

नाम नहीं छापने की शर्त पर एक विक्रेता ने बताया कि अधिकारियों के द्वारा जानबूझकर ज्यादा आवंटन भेजा जाता था और जो वास्तविक आवंटन रहता था वह ही दुकान आता था बाकी वेयरहाऊस से ही विक्रय कर दिया जाता था। घोटाले के खेल में जो भी पैसा आता था उसका आधा फुड़ विभाग के अधिकारी और आधा पैसा विक्रेताओं के द्वारा लिया जाता था। वहीं जिन विक्रेताओं पर कार्यवाही की गई है उनको विभाग के ही एक अधिकारी द्वारा आश्वासन दिया जा रहा है कि हम आगे कुछ नहीं होने देंगे सब निपटा लेंगे। गरीबों के निवाले को बिना शर्म के डकारने के बावजूद इनके मंसूबे भ्रष्टाचार को लेकर कितने खतरनाक है इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विक्रेताओं के विरूद्ध भ्रष्टाचार सिद्ध हो जाने पर उन पर जो एफआईआर दर्ज करवाई गई है उस मामले को अधिकारी रफा – दफा करवाने की बात कह रहा है। हालांकि एक बार मामला दर्ज हो जाने के बाद वह न्यायालय की विषय वस्तु होकर अन्वेषण की कार्यवाही प्रारंभ हो जाती है इसमें संबंधित विभाग की कोई भूमिका नहीं होती है। वहीं जिन विक्रेताओं के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करवाई गई है वह यह बात भी कह रहे है कि हम तो डूबेंगे सनम लेकिन तुम्हे भी लें डूबेंगे । ढीमरखेड़ा तहसील में जिस तरह से सार्वजिनक वितरण प्रणाली अंतर्गत गरीबों को वितरित होने वाले राशन में करोड़ों रूपये का घोटाला किया गया इसमें भ्रष्टाचारियों की एक चैन काम कर रही है जो ढीमरखेड़ा तहसील से लेकर जिले तक में सक्रिय है।

प्रमुख सचिव को भेजी गई शिकायत

कटनी जिले के ढीमरखेड़ा में विभिन्न दुकानों में करोड़ों रूपये के घोटाले मामले में एक शिकायत प्रमुख सचिव म.प्र.शासन, पुलिस अधीक्षक ई.ओ.डब्ल्यू जबलपुर, पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त कार्यालय सिविक सेंटर जबलपुर को भेजी गई। चूंकि जिस तरह से घोटाले का पर्दाफाश हुआ है इसमें कई और किरदार शामिल है जिसका खुलासा होना अति आवश्यक है। लिहाजा इस संबंध में स्पेशल टॉस्क फोर्स के माध्यम से जांच करवाई जाकर दोषियों के विरूद्ध मामला दर्ज करवाकर भ्रष्टाचारियों को बर्खास्त किया जाये। चूंकि यह सभ्य समाज के बीच कलंक है, शासन के द्वारा गरीबों को खाद्यान दिया जाता है लेकिन उस खाद्यान को वितरित न कर उसे ब्लेकमेल करेंके शासन को तो करोड़ों रूपये की क्षति कारित की गई तो वहीं गरीबों को भी कई माह का राशन नहीं मिला है जिस कारण से उसी खाद्यान पर निर्भर रहने वाले ग्रामीणों की स्थिति अत्यत दयनीय हो गई है।

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