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24 सालों की फरारी खत्म: कटनी पुलिस ने हत्या के आजीवन कैदी राकेश बंगाली को दबोचा फर्जी पहचान बनाकर रह रहा था आरोपी, पुराने परिचितों से पहचान की पुष्टि

कलयुग की कलम से राकेश यादव

24 सालों की फरारी खत्म: कटनी पुलिस ने हत्या के आजीवन कैदी राकेश बंगाली को दबोचा फर्जी पहचान बनाकर रह रहा था आरोपी, पुराने परिचितों से पहचान की पुष्टि

कलयुग की कलम कटनी – जिले की पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए पिछले 24 वर्षों से फरार चल रहे हत्या के सजायाफ्ता आरोपी राकेश बंगाली उर्फ राकेश निषाद को गिरफ्तार कर लिया है। रंगनाथनगर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में पकड़े गए इस आरोपी ने अपनी गिरफ्तारी से बचने के लिए आधार कार्ड में नाम बदलकर फर्जी पहचान भी बना ली थी, लेकिन पुलिस की लगातार निगरानी और रणनीतिक कार्रवाई ने आखिरकार उसकी फरारी का अंत कर दिया।

पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार राकेश बंगाली वर्ष 1999 में एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा पा चुका था। वर्ष 2002 में जमानत पर बाहर आने के बाद वह अचानक गायब हो गया और तब से फरार चल रहा था। लंबे समय से उसकी तलाश में जुटी जिला पुलिस को हाल ही में उसके मुडवारा स्टेशन क्षेत्र में देखे जाने की सूचना मिली। इस सूचना पर रंगनाथनगर थाना पुलिस और अन्य टीमों ने संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए क्षेत्र में घेरा बनाकर दबिश दी।

पुलिस के अनुसार आरोपी अपनी पहचान छुपाने के लिए आधार कार्ड में नया नाम दर्ज कर फर्जी पहचान के साथ रह रहा था। यही कारण था कि वह इतने वर्षों तक गिरफ्तारी से बचा रहा। हालांकि, स्थानीय स्तर पर पुराने परिचितों और कुछ लोगों ने उसे पहचान लिया, जिसके आधार पर पुलिस ने उसकी पहचान की पुष्टि की। इसके बाद मुडवारा स्टेशन के पास से उसे गिरफ्तार किया गया।

गिरफ्तारी के बाद आरोपी को माननीय उच्च न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जिला जेल कटनी के लिए रवानगी दी गई। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इतने लंबे समय से फरार सजायाफ्ता आरोपी की गिरफ्तारी बड़ी उपलब्धि है, जो कटनी पुलिस की सतत निगरानी और प्रभावी समन्वय का परिणाम है।

पुलिस की इस कार्रवाई ने जिले में यह संदेश भी दिया है कि कानून से बचकर लंबे समय तक फरारी काटना संभव नहीं है। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि ऐसे सभी फरार अपराधियों की तलाश तेज की जा रही है और आने वाले समय में इसी तरह की और भी महत्वपूर्ण गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

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