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शिवराज सरकार द्वारा दिव्यांग बालिकाओं के प्रग्नेंसी टेस्ट का तालिबानी निर्णय मानवाधिकार का उल्लंघन “
कलयुग की कलम
“शिवराज सरकार द्वारा दिव्यांग बालिकाओं के प्रग्नेंसी टेस्ट का तालिबानी निर्णय मानवाधिकार का उल्लंघन “
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“लाड़ली लक्ष्मी बहना योजना में अब दिव्यांग बालिकाओं का प्रग्नेंसी टेस्ट कराकर चरित्र हनन किया जाएगा “
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“शिवराज प्रशासन के तुगलकी निर्णय के खिलाफ मुख्यमंत्री,राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग एंव राज्य मानवाधिकार आयोग को शिकायत “
इंदौर, – इंदौर में शिवराज सरकार के प्रशासन ने ऐतिहासिक फ़ैसला लिया हैं की दिव्यांग बालिकाओं का प्रग्नेंसी टेस्ट कराकर अपनी ज़िम्मेदारी से बचेगें।लेकिन प्रशासन का यह निर्णय मानवाधिकार के उसके साथ ही दिव्यांग बालिकाओं का चरित्र हनन भी कर रहा हैं।
म.प्र.कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेशसचिव राकेश सिंह यादव ने आरोप लगाया हैं की दिव्यांग बालिकाओं की सुरक्षा में नाकाम रहने के बाद राजनैतिक दबाव में आज तक दिव्यांग बालिका के बलात्कारी को गिरफ़्तार नहीं कर पायें हैं।लेकिन सरकार के नौकरशाहों ने अपनी नौकरी बचाने की जुगाड़ करके यह ऐतिहासिक आदेश संभवतः जारी कर दिया हैं।इस आदेश से दिव्यांग बालिकाओं को मानसिक प्रताड़ना एंव चरित्र हनन की प्रक्रिया से गुजरना अब नियम बना दिया गया हैं।संस्कृति की दुहाई देने वाली शिवराज सरकार के तालीबानी संस्कार अब सामने आ रहे हैं।
मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी बहना योजना के अंतर्गत शायद अब दिव्यांग बालिकाओं का प्रग्नेंसी टेस्ट भी करायेंगे.?”
इस संपूर्ण मामले में कठोर आपत्ति दर्ज कराते हुए मुख्यमंत्री,राष्ट्रीय मानव अधिकार एंव राज्य मानव अधिकार आयोग को शिकायत दर्ज करायी गई हैं।
मुख्यमंत्री से मॉंग की गई हैं की इस तरह के आपत्तिजनक निर्णय को तत्काल निरस्त करके संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख़्त कार्यवाही करें।प्रशासन अपनी ज़िम्मेदारी से बचने के लिए दिव्यांग बालिकाओं का चरित्र हननन करें।
द्वारा-
राकेश सिंह यादव
पूर्व प्रदेशसचिव
म.प्र.कांग्रेस कमेटी
भोपाल